जैसा कि आप सब लोग जानते हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है. जहां पर अधिकतर लोग खेती करके अपना जीवन यापन करते हैं. हमारे यह कई तरह की फसलों को विभिन्न प्रकार की मिट्टी में उगाया जाती है. अच्छी फसल के लिए मिट्टी का भी उत्तम होना बेहद जरूरी है, लेकिन क्या आप जानते हैं
कि सूखी खेती कैसे होती है और इसके लिए कौन सी किस्में सबसे बेहतरीन है. तो आइए आज हम सूखी खेती के बारे में विस्तार से जानते हैं.
सूखी खेती क्या है?
सूखी खेती उसे कहते हैं, जहां पर कम वर्षा में बिना सिंचाई के खेती की जा सकते है. उन स्थानों को शुष्क कृषि या सूखी खेत के लिए कहा जा सकता है. सीधे तौर पर कहें, तो ऐसी जगह जहां पर वार्षिक वर्षा 20 इंच या इसे कम हो और बिना किसी सिंचाई की फसल को शुष्क खेती या सूखी खेती कहते है. आपको बता दें कि सूखी खेती में गोबर की खाद, बार-बार खेत की जुताई फसलों की निराई-गुड़ाई तथा खरपतवार को खेत से निकालने पर विशेष ध्यान दिया जाता है.
सूखी खेती के लिए मिट्टी एवं नमी संरक्षण
किसान खरीफ की फसल काटने के बाद खेत को नमी संरक्षण के लिए पुआल या पत्तियां बिछाएं। जिससे की खेत की नमी न उड़ने पाएं. नमी के इस तकनीक को मल्चिंग भी कहा जाता है. मल्चिंग का यह तरीका किसान खेत में बुवाई के तुरन्त बाद भी कर सकत हैं. फसल को मुरझाने व सुखी होने से बचाने के लिए वर्षा के पानी को तालाब में या सुरक्षित स्थान पर बांधकर जमा रखें. इसके बाद रबी की फसल की बुआई करने के बाद आंशिक सिंचाई आसानी से की जा सकती है.
ध्यान रखें कि, खेत में खरीफ की फसल के काटने के तुरंत बाद रबी की फसल को लगाएं ताकि खेती की मिट्टी में नमी से रबी अंकुरण अच्छे से हो सके. खेती करने योग्य फसलों को ऊंची जमीन में धान, मूंगफली, सोयाबीन, गुन्दली, मकई, अरहर, उड़द, तिल, कुलथी, एवं मड़ुआ खरीफ में लगायी जाती है. मानसून के शुरुआत होते ही खरीफ फसल की बुवाई करना प्रारंभ कर दें.
उन्नत किस्में
सूखी खेती करने के लिए किसान भाइयों को अच्छी किस्मों का चुनाव होना बेहद जरूरी है, जो कुछ इस प्रकार है...बाजरे की एचएचबी 67, आरएचबी 121, पूसा 222 व एमएच 169, मोठ की आर एम ओ-40, आर एम ओ 435 व आर एम ओ 225, ग्वार की आर जी सी 936 व आर जी सी 1001, मूंग की के 851, आर एम जी 62 व आर एम जी 268, तिल की टी सी 25 और आर टी 46 किस्मों को उत्तम माना जाता हैं.
इसके अलावा खेत में सही बीज दर, अन्तराल एवं उर्वरक की मात्रा का भी बहुत अधिक महत्व होता है. सूखी खेती के लिए आप आपने खेत में रॉक फॉस्फेट का उपयोग बीज बोने से 20 से 25 दिन पहले रॉक फास्फेट की मात्रा खेत में कम कर दी जाती है. जिससे फसल को नुकसान ना पहुंचे. सूखी मिट्टी में राइजोबियम कल्चर का उपयोग करने से फसल में नाइट्रोजन की निर्भरता बहुत हद तक कम हो जाती है.
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