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Crop Protection Tips: फसल से ज्यादा उपज और चूहों, दीमक और खरपतवार से छुटकारा पाने के तरीके

अगर आप फसल की उपज और गुणवत्ता के लिए सही फसल की सही तरीके से देखभाल और सुरक्षा करना चाहते हैं तो ऐसे में जरुरी है कि समय रहते उसका उपचार किया जाए. ताकि अच्छी उपज पायी जाये.

प्राची वत्स
फसल में लगे रोग की पहचान
फसल में लगे रोग की पहचान

गेहूं की खेती में फसल की अच्छी गुणवत्ता और पैदावार, दोनों अति आवश्यक है. इसलिए फसल की सही तरीके से देखभाल करना जरूरी है. इसी कड़ी में वैज्ञानिक डॉ. मनोज कुमार राजपूत ने गेहूं की फसल में बीज उपचार से लेकर फसलों में कीट और चूहों से कैसे प्रबंधन करें इसकी सलाह दी है. तो आइये डॉ. मनोज कुमार राजपूत के फसल प्रबंधन को लेकर सुझाव जानते हैं.

बीज उपचार हेतु करें यह कार्य (Do this work for seed treatment)

अनावृत्त कण्डुआ एवं करनाल वन्ट के नियंत्रण हेतू थीरम 75 प्रतिशत डी॰एस॰/डब्लू॰एस॰ की 2.5 ग्राम अथवा कार्बेन्डाजिम 50 प्रतिशत डब्लू॰पी॰ की 1.5 ग्राम अथवा कार्बेक्सिन 75 डब्लू॰ पी॰ की 2.0 ग्राम अथवा टेबूकोनाजोल 2 प्रतिशत डी॰एस॰ की 1.0 ग्राम प्रति किग्रा0 बीज की दर से बीज शोधन कर बुवाई करनी चाहिए.

मृदा उपचार हेतु करें यह कार्य (Do this work for soil treatment)

बुवाई से पूर्व जैव कवकनाशी (ट्राईकोडर्मा प्रजाति आधारित) द्वारा 2.5 किग्रा. प्रति हेक्टेयर को 60 किग्रा गोबर की खाद में मिलाकर मृदा उपचार करें, जिसमें अनावृत्त कण्डुवा, करनाल बन्ट आदि रोगों के प्रबन्धन में सहायता मिलती है.

दीमक पर नियंत्रण (Termite control)

यह एक सामाजिक कीट है तथा कालोनी बनाकर रहते हैं. एक कालोनी में कई श्रमिक (90 प्रतिशत), सैनिक 2-3 प्रतिशत, एक रानी, एक राजा तथा कई कालोनी बनाने वाले या पूरक अविकसित नर एवं मादा पाये जाते हैं. श्रमिक पंखहीन सबसे छोटे, पीताभि स्वेत रंग के होते हैं.

उपचार (Treatment)

खड़ी फसल में दीमक का प्रकोप होने पर क्लोरपाइरीफास 20. ई.सी. 2-3 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर सिंचाई के पानी के साथ अथवा बालू में मिलाकर प्रयोग करें. बिवेरिया बेसियाना 2.5 किग्रा. मात्रा को 60-70 किग्रा सड़ी गोबर की खाद में मिलाकर 10 दिनों तक छायें में ढककर रख दें, साथ ही बुवाई करते समय कूड़ में इसे डालकर बुवाई करें.

ये भी पढ़ें: आलू की फसलों में लगने वाले रोग और उसका प्रबंधन

चूहे का नियंत्रण (Mouse control)

गेहूं की खड़ी फसल को चूहे अधिक क्षति पहुँचाते हैं. अतः फसल की अवधि में दो-तीन बार इनकी रोकथाम की आवश्यकता होती है. यदि चूहों की रोकथाम का कार्य सामूहिक रूप से किया जाए, तो अधिक सफलता मिलती है.

उपचार (Treatment)

इनकी रोकथाम हेतु जिंक फॉस्फाइड अथवा बेरियम कार्बोनेट में बने जहरीले चारे का प्रयोग करें.

जहरीला चारा बनाने की विधि (Method of making poison bait)

जिंक फॉस्फाइड एक भाग, सरसों का तेल एक भाग तथा 48 भाग दाना मिलाकर बनाया हुआ जहरीला चारा प्रयोग करें. इससे भी चूहे के प्रकोप को बढ़ने से रोका जा सकता है.

तो ऐसी ही कृषि सम्बंधित जानकारियां पाने के लिए जुड़े रहें कृषि जागरण हिंदी वेबसाइट के साथ...

English Summary: Weed Management, To get more yield from wheat crop, identify these diseases and prevent them Published on: 10 February 2022, 10:40 PM IST

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