Vegetable Farming Monsoon: भारत में लगभग मानसून का आगमन हो ही गया है, कई राज्यों में अच्छी खासी बारिश भी हुई है. फसल की बुवाई के लिए खरीफ सीजन को काफी अच्छा माना जाता है. कुछ सब्जियां ऐसी भी होती है, जो मानसून में तेजी से बढ़ने लगती है. वहीं कई फसलों के लिए इस मौसम में सिंचाई करने की भी आवश्यकता नहीं होती है. आइये कृषि जागरण के इस आर्टिकल में जानें, बरसात के मौसम में कम समय में अधिक उपज देने वाली फसलों के बारे में जानें, जो किसानों को बना सकती है मालामाल.
मिर्च और धनिये की खेती
मानसून में किसान अच्छी कमाई के लिए धनिया और मिर्च की खेती कर सकते हैं, ये फसल बरसात के समय काफी अच्छी तरह से बढ़ती हैं. इन फसलों को अधिक देखरेख भी आवश्यकता नहीं होती है. इनकी खेती के लिए बलुई दोमट या लाल मिट्टी को उपयुक्त माना जाता है.
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खीरा और मूली की खेती
बारिश के मौसम में किसान अच्छा मुनाफा कमाने के लिए खीरा और मूली की खेती कर सकते हैं. इन फसलों को लगाने के लिए ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होती है और इन्हें तैयार होने में मात्र 3 से 4 हफ्ते ही लगते हैं. किसान बरसात के मौसम में इनकी खेती से अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं.
बीन्स की खेती
जुलाई-अगस्त का महीना बीन्स की खेती के लिए सबसे बेहतरीन माना जाता है. इसका पौधा बेलदार होता हैं, इसलिए आपको इसके पौधे की बुवाई किसी दीवार या पेड़ के आसपास ही करनी चाहिए. मानसून में इसका पौधा सही से विकसित होता है और इसके फल का भी उत्पादन बढ़ता है.
बैंगन और टमाटर की खेती
वैसे तो टमाटर और बैंगन की खेती सालभर की जा सकती है, और सर्दियों में भी किसान इनकी खी करना काफी पसंद करते हैं. लेकिन बरसात के मौसम में इनकी फसल लगा कर बंपर उत्पादन हासिल किया जा सकता है, जिससे किसान मानसून में भी मालामाल बन सकते हैं.
पालक और तोरई की खेती
मानसून में पालक और तोरई की खेती करना किसानों के लिए काफी अच्छी मानी जाती है, क्योंकि बारिश के मौसम में किसान इन फसलों की खेती कम लागत में कर पाते हैं. इन फसलों के लिए दोमट मिट्टी काफी अच्छा माना जाता है.
बरसात में रखें इन बातों का ध्यान
किसानों को बरसात के मौसम में खेती करने से पहले अपने खेत की मिट्टी का परीक्षण करवा लेना चाहिए. फसल की बुवाई से पहले सही बीज का चुनाव करना चाहिए. किसानों को फसल में खरपतवार नियंत्रण और सिंचाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए. समय से कटाई करके अपनी उपज का मंडीकरण करें.
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