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सरसों की उन्नत किस्म पूसा डबल जीरो सरसों 31 से पाएं बंपर पैदावार, ये है खेती का सही तरीका

भारत में सरसों एक प्रमुख तिलहनी फसल है जो रबी के मौसम में सीजन में बोई जाती है. अन्य फसलों की तुलना में सरसों की खेती में कम सिंचाई और कम लागत की जरूरत पड़ती है. वहीं इससे लाभ भी अच्छा मिलता है. आज हम आपको सरसों की नई और उन्नतशील किस्म के बारे में बताने जा रहे हैं. जिसकी खेती करके किसान अन्य किस्मों की तुलना में सरसों की दौगुनी पैदावार ले सकते हैं. तो आइये जानते हैं उत्तर प्रदेश के नगीना स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के सस्य वैज्ञानिक डॉ. नरेंद्र सिंह से इस किस्म की खासियत और इसकी खेती का सही तरीका -

KJ Staff
pau
Mustard Cultivation

भारत में सरसों एक प्रमुख तिलहनी फसल है जो रबी के मौसम में सीजन में बोई जाती है. अन्य फसलों की तुलना में सरसों की खेती में कम सिंचाई और कम लागत की जरूरत पड़ती है. वहीं इससे लाभ भी अच्छा मिलता है. 

आज हम आपको सरसों की नई और उन्नतशील किस्म के बारे में बताने जा रहे हैं. जिसकी खेती करके किसान अन्य किस्मों की तुलना में सरसों की दौगुनी पैदावार ले सकते हैं. तो आइये जानते हैं उत्तर प्रदेश के नगीना स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के सस्य वैज्ञानिक डॉ. नरेंद्र सिंह से इस किस्म की खासियत और इसकी खेती का सही तरीका

सरसों की इस किस्म की खासियत (The specialty of this variety of mustard)

कृषि जागरण से बात करते हुए डॉ नरेन्द्र सिंह ने बताया कि ''सरसों की उन्नत किस्म ‘पूसा डबल जीरो सरसों 31’ किस्म की खेती किया है. जिसे नई दिल्ली स्थित पूसा संस्थान ने 2017 में जारी किया था. जो कि स्वास्थ्य के लिहाज से बेहतर किस्म है.

कैसे करें सरसों के खेत की तैयारी (How to prepare mustard field)

सरसों की पूसा 31 किस्म की बुवाई के लिए सबसे पहले एक बार सामान्य जुताई करना चाहिए. इसके बाद दो जुताई हैरो से 1 जुताई रोटीवेटर से करना चाहिए. 

सरसों की फसल के लिए खाद और उर्वरक (Manure and Fertilizer for Mustard Crop)

डॉ सिंह का कहना है कि इस किस्म की अच्छी पैदावार के लिए प्रति एकड़ नाइट्रोजन 60 किलो, फास्फोरस 40 किलो, पोटाश 20 किलो के अतिरिक्त 14 से 16 किलो सल्फर भी डालना चाहिए.

सरसों की खेती के लिए समय और बीज मात्रा (Time and seed quantity for mustard cultivation)

इसके लिए प्रति एकड़ 2 किलो बीज की आवश्यकता पड़ती है. वहीं बुवाई से पहले बीजों को अनुशंसित दवाई बीजोपचार कर लेना चाहिए. इसकी बुवाई अक्टूबर माह के अंत तक देना चाहिए. इसकी बुवाई के लिए पंक्ति से पंक्ति की दूरी 45 सेंटीमीटर, पौधे से पौधे की दूरी 15 सेंटीमीटर होना चाहिए. वहीं बीज को मिट्टी के अंदर 2-3 सेंटीमीटर की गहराई में बोना चाहिए. 

सरसों की फसल के लिए निराई-गुड़ाई एवं सिंचाई (Weeding and irrigation for mustard crop)

 अन्य फसलों की इसकी भी समय-समय पर निराई-गुड़ाई करना चाहिए. वहीं इसमें 2-3 सिंचाई करने की आवश्यकता पड़ती है.

सरसों की यह किस्म 140 दिनों में पक जाती है. उपज की बात करें तो प्रति एकड़ 5 से 10 क्विंटल तक ली जा सकती है.

संपर्क (Contact)

अधिक जानकारी के लिए कृषि विज्ञान केंद्र के सस्य वैज्ञानिक डॉ. नरेंद्र सिंह से इस नंबर पर बात कर सकते हैं.

मोबाइल नंबर : 94571-68051 

English Summary: variety of pusa 31 mustard will get rid of cholesterol farmer income will also be doubled Published on: 17 October 2020, 05:38 PM IST

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