Makka ki Kheti: मक्का की खेती देश के किसानों के लिए काफी लाभकारी मानी जाती है. क्योंकि बाजार में मक्का की फसल का सही दाम किसानों को सरलता से मिल जाता है और साथ ही मक्के की उन्नत किस्मों/Varieties of Maize का चयन कर किसान अधिक पैदावार भी प्राप्त कर लेते हैं. ऐसे में अगर आप भी खरीफ सीजन में मक्के की खेती/Corn Farming करने के बारे में विचार कर रहे हैं, तो आज आपके लिए मक्के की उन्नत किस्में/Varieties of Maize की जानकारी लेकर आए हैं, जो कम समय में अधिक पैदावार देने में सक्षम है.
मक्के की जिन किस्मों की हम बात कर रहे हैं, वह ICAR लुधियाना स्थित भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान/Indian Maize Research Institute के द्वारा विकसित किया गया है. आइए जिन उन्नत किस्मों की हम बात कर रहे हैं, उनके बारे में विस्तार से जानते हैं...
मक्का की उन्नत किस्में/Varieties of Maize
मक्का की IMH-224 किस्म/IMH-224 variety of maize: मक्के की यह किस्म साल 2002 में भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान के द्वारा विकसित की गई है. मक्का की IMH-224 किस्म बिहार, ओडिशा, झारखंड और उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए काफी लाभकारी है. मक्के की इस किस्म से किसान लगभग 70 क्विंटल तक प्रति हेक्टेयर पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. वही, यह उन्नत किस्म खेत में 80-90 दिनों के अंदर पककर तैयार हो जाती है. इसके अलावा यह किस्म चारकोल रोट, मैडिस लीफ ब्लाइट और फुसैरियम डंठल सड़न जैसे रोगों से लड़ने में काफी मददगार है.
मक्का की IQMH 203 किस्म/IQMH 203 variety of maize: मक्का की IQMH 203 किस्म को साल 2021 में विकसित किया गया है. मक्के की यह किस्म बायो फोर्टिफाइड किस्म/Biofortified Variety भी मानी जाती है. इस किसान को खासतौर पर छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात के किसानों के लिए तैयार किया गया है. यह किस्म करीब 90 दिनों में पक जाती है. साथ ही IQMH 203 किस्म कोमल फफूंदी, चिलोपार्टेलस और फ्युजेरियम डंठल सड़न जैसे रोगों को फसल में नुकसान पहुंचाने से रोकती है.
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मक्का की PMH-1 LP किस्म/ PMH-1 LP variety of maize: मक्का की यह उन्नत किस्म हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और उत्तराखंड के किसानों के लिए काफी अच्छी है. यहां के किसान इस किस्म से प्रति हेक्टेयर करीब 95 क्विटंल तक उपज प्राप्त कर सकते हैं. वही, यह किस्म मक्का की फसल में लगने वाले कीट और रोग रोधी के लिए काफी अच्छी मानी जाती है.
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