गेहूं रबी सीजन की प्रमुख फसल है. भारत के कई राज्यों में गेहूं की खेती होती है. गेहूं की खेती में किसान मुख्यत डीएपी का इस्तेमाल करते हैं लेकिन इन दिनों भारत के कई राज्यों में डीएपी की कमी देखी जा रही है. आज के इस लेख में हम आपको डीएपी के विकल्पों के बारे में बताने जा रहे हैं जो बाजार में भरपूर मात्रा में व सस्ते दामों में उपलब्ध हैं.
क्या है डीएपीः
डीएपी का पूरा नाम डाई अमोनिया फास्फेट है. यह क्षारीय प्रकृति का रासायनिक उर्वरक है, जिसका उपयोग पौधों में पोषण के लिए किया जाता है. यह फसलों में नाइट्रोजन एवं फॉस्फोरस की कमी को पूरा करता है. डीएपी में 18 परसेंट नाइट्रोजन, 46 परसेंट फॉस्फोरस होता है. यह पौधों की जड़ों को विकसित करता है, जिससे पौधे अच्छी तरह बढ़ते हैं और फसल उत्पादन अच्छा होता है.
डीएपी के विकल्प- किसान गेहूं में एसएसपी व एनपीके का प्रयोग कर सकते है. क्योंकि एसएसपी और एनपीके में भी डीएपी की तरह ही नाईट्रोजन और फॉस्फोरस होता है. इनमें एसएसपी एक फॉस्फोरस युक्त उर्वरक है, जिसमें 18 प्रतिशत फॉस्फोरस एवं 11 प्रतिशत सल्फर की मात्रा पाई जाती है. इसमें मौजूद सल्फर तिलहनी व दलहनी फसलों के लिए काफी ज्यादा लाभदायक होता है. वहीं दूसरी और एनपीके नाइट्रोजन, फास्फोरस और पौटेशियम से मिलकर बना होता है. एनपीके तीन अनुपात में बेचा जाता है जिसे किसान अपनी जरूरत के हिसाब से खरीद सकता है. एनपीके के तीन तरह के पैकेट्स बाजार में उपलब्ध है. इसके तीन तरह के पैकेट बाजार में आते हैं जिन पर क्रमश:18:18:18, 19:19:19 तथा 12:32:16 के अनुपात लिखे हुए होते है. 12:32:16 एनपीके का इस्तेमाल पोटैशियम की कमी को पूरा करने के लिए करते हैं. पहला अंक नाईट्रोजन, दूसरा अंक फास्फोरस और तीसरा अंक पोटैसियम के लिए होता है. यानि कि इसमें 12% नाईट्रोजन, 32% फास्फोरस तथा 16% पोटैशियम होता है। एनपीके उर्वरक में फास्फोरस की मात्र डीएपी से 14% कम पाई जाती है.
कितनी मात्रा है जरुरी-
डीएपी के एक बैग में 23 किलो फॉस्फोरस और 9 किलो नत्रजन पाया जाता है. अगर डीएपी उपलब्ध नहीं है तो आप 3 बैग एसएसपी और 1 बैग यूरिया का प्रयोग कर सकते हैं. इस तरह आप कम लागत में अच्छी नाइट्रोजन व फास्फोरस युक्त उर्वरक इस्तेमाल कर सकते हैं. अच्छी बात यह है कि इसमें सल्फर व कैल्शियम तत्व पाए जाते हैं जो फसल के विकास में सहयोगी हैं.
डीएपी की तुलना में हैं सस्ते उर्वरक-
एक बैग डीएपी की कीमत लगभग 1200 रुपए के आसपास आती है, यदि आप डीएपी की जगह 3 बैग एसएसपी और एक बैग यूरिया खरीदते हैं तो इसकी लागत 1166 रुपए आएगी. जो कि एक बैग डीएपी से सस्ता है. इसके अलावा एक बैग डीएपी में 23 किलोग्राम फॉस्फोरस और 9 किलोग्राम नत्रजन होता है.
जबकि 3 बैग एसएसपी और एक बैग यूरिया में 24 किलो फस्फोरस, नाईट्रोजन 20 किलोग्राम और 16 किलोग्राम सल्फर होता है. इस तरह कम पैसों में ज्यादा पोषक तत्व वाली खाद का उपयोग कर सकते हैं. कई बार किसानों को डीएपी के लिए लंबी-लंबी लाइनें लगानी पड़ती है तक कहीं जाकर थोड़ी मात्रा में खाद मिलता है. अगर आप अन्य विकल्पों का उपयोग करेंगे तो समय के साथ पैसों की भी बचत होगी.
Share your comments