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Top Wheat variety: गेहूं की टॉप उन्नत किस्में, जिससे इस रबी सीजन में मिलेगा बंपर उत्पादन, पढ़ें पूरे विस्तार से

रबी सीजन को देखते हुए आज हम किसानों के लिए गेहूं की टॉप किस्मों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी बुवाई से किसान बंपर उत्पादन पा सकते हैं...

निशा थापा
Top improved varieties of wheat, which will get bumper production in this Rabi season
Top improved varieties of wheat, which will get bumper production in this Rabi season

रबी सीजन की शुरुआत हो चुकी है, ऐसे में किसान अपने खेतों में बुवाई शुरू करने लगे हैं. देखा जाएं तो भारत में गेहूं की खेती बड़ें पैमाने पर की जाती है और गेहूं रबी सीजन की प्रमुख फसलों में से एक है. इसी कड़ी में आज हम किसानों को गेहूं की उन उन्नत किस्मों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके उत्पादन से किसान बंपर मुनाफा कमा सकता हैं.

डीबीडब्ल्यू 252 गेहूं की किस्म 

डीबीडब्ल्यू 252 गेहूं की उन्नत किस्मों में से एक है. इस किस्म को करण श्रिया किस्म के नाम से भी जाना जाता है. बता दें कि यह खास किस्म  भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल द्वारा विकसित की गई है. इस गेहूं की किस्म की बुवाई अक्टूबर के आखिरी सप्ताह से नवंबर के शुरूआती दिनों में की जाती है. डीबीडब्ल्यू 252 गेहूं की औसत उपज 55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. डीबीडब्ल्यू 252 गेहूं की किस्म की अधिक जानकारी के लिए इन यहां पढ़ें

गेहूं की HI-8663 किस्म

गेहूं की यह खास किस्म अपने बंपर उत्पादन के लिए जानी जाती है. बता दें कि इस किस्म से 95.30 क्विंटल प्रति हेक्टर गेहूं का उत्पादन किया जा सकता है. गेहूं की HI-8663  किस्म में उच्च गुणवत्ता पाई जाती है और यही कारण है कि इसकी रोटी पौष्टिक गुणों से भरी होती है. साथ ही इस किस्म से सूजी भी बनाई जाती है. इस किस्म के बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें.

गेहूं की डीबीडब्ल्यू-303 किस्म

डीबीडब्ल्यू-303 किस्म अधिक पैदावार देने वालों में से एक है. इस किस्म को करण वैष्णवी के नाम से भी जाना जाता है. इस किस्म की बंपर पैदावार 81.2 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. इसमें कई पौष्टिक गुण मौजूद होते हैं तथा यह किस्म 145 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. इस किस्म के बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें.

गेहूं की दो नई किस्में 1634 और 1636

गेहूं की ये दो 1634 और 1636 किस्में मध्य प्रदेश में विकसित की गई हैं. इस गेहूं की किस्म को इंदौर में विकसित किया गया है. खास बात यह कि गेहूं की यह दोनों किस्में उच्च तापमान होने के बावजूद समय से पहले नहीं पकती हैं. यह किस्म बुवाई के 115 दिनों  में पककर तैयार हो जाती है. अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

गेहूं की 'कुदरत 8' और 'कुदरत विश्वनाथ' किस्में

गेहूं की 'कुदरत 8' और 'कुदरत विश्वनाथ' किस्में किसानों के लिए वरदान बन सकती है. यह दिखने में बौनी होती है और इन खास किस्म को उत्तर प्रदेश में विकसित किया गया है. यह खास किस्में बदलते मौसम में सामान्य बनीं रहती हैं. गेहूं की किस्म इसकी फसल पकने में 110 दिन का समय लगता है. इन किस्मों से 25-30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर गेहूं प्राप्त होता है. गेहूं की 'कुदरत 8' और 'कुदरत विश्वनाथ' किस्मों की अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

DBW 327 गेहूं की किस्म

गेहूं की इस खास किस्मू को करण शिवानी के नाम से भी जाना जाता. गेहूं की DBW 327 किस्म बंपर उत्पादन देती है. था इसकी संभावित उपज क्षमता 87.7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. खास बात यह कि यह सूखे के प्रति बेहद सहनशील है और उच्च तापमान में भी बंपर उत्पादन देती है. बुवाई के 155 दिनों के बाद यह कटाई के लिए तैयार हो जाती है.DBW 327 गेहूं की किस्म के बारे में अधिक जानने के लिए यहां क्लिक करें.

गेहूं की DBW 107 पछेती किस्म

कई बार देखा गया है कि किसान गेहूं की बुवाई में देरी हो जाती है. मगर किसानों को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं हैं किसान DBW 107 पछेती किस्म की बुवाई के जरिए बंपर 68.7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार की पैदावार पा सकते हैं. खास बात यह कि गेहूं की यह किस्म गेहूं की यह बुवाई के महज 109 दिनों में पक जाती है तथा इसके पौधे की उंचाई 89 सेमी होती है. अधिक जानकारी के लिए यहां देखें.

English Summary: Top Wheat variety: Top improved varieties of wheat, which will get bumper production in this Rabi season Published on: 03 November 2022, 05:42 PM IST

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