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Top Pea Variety: मटर की उन्नत किस्में, अधिकतम उत्पादन क्षमता 80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर

किसान भाईयों के लिए आज इस लेख के माध्यम से मटर की उन्नत किस्मों के बारे में जानकारी साझा करने जा रहे हैं. बुवाई पर मिलेगा बंपर उत्पादन...

निशा थापा
मटर की उन्नत किस्में, अधिकतम उत्पादन क्षमता 80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
मटर की उन्नत किस्में, अधिकतम उत्पादन क्षमता 80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर

मटर सर्दी मौसम की फसल है जिसका उपयोग बड़े पैमाने पर किया जाता है. मटर को मुख्य रूप से आलूटमाटर और फूलगोभी और पत्तागोभी के साथ खाया जाता है और कई किसान मित्र इसकी खेती भी करना पसंद करते हैं लेकिन उनको एक मटर की अच्छी किस्म पहचानने में और चुनने में कठिनाई होती है.

इसलिए आज इस लेख के माध्यम से मटर की कुछ बहुत ही फेमस किस्मों की जानकारी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनको पढ़कर आप मटर की उन्नत किस्मों को आसानी से पहचान पाएंगे.

मटर की उन्नत किस्मों में विवेक मटर 6, विवेक मटर 8, आर्केलपंत सब्जी मटर 3, जवाहर मटर 1, जवाहर मटर 2, मिटीओरअर्ली बैजरअसौजीबोनविलेआजाद मटर 1, पंत उपहारआदि उन्नत किस्में आती हैं.

मटर की उन्नत किस्में

विवेक मटर 6

विवेक मटर 6 को पंत उपहार और वी एल मटर 3 के संकरण से तैयार किया गया है. इसे मैदानी भाग में बोने पर 75 से 80 दिन में फलियां मिलने लगती हैं. तो वहीं दूसरी तरफ यदि आप आप इस प्रजाति को पहाड़ी इलाकों में बोते हैं तो इससे फलियां मिलने में करीब 135 से 140 दिनों का समय लगता है. इस किस्म की फलियां करीब 6 से 7 सेमी लंबाई होती हैं जिनमें आमतौर पर 6 दाने पाए जाते हैं. इस प्रजाति को हम मध्य अक्टूबर से मध्य नवंबर तक बो सकते हैं.

आर्केल

आर्केल एक मटर की यूरोपियन किस्म है. इसके दाने मीठे होते हैं यह मटर की जल्दी तैयार होने वाली किस्मों में से एक है. इसकी फलियों को बुवाई के करीब 60 से 65 दिन बाद तोड़ना शुरू कर सकते हैं. इसकी फलियां 8 से 10 सेमी लंबी तलवार के आकार की होती हैं. जिसकी हर एक फली में लगभग 5 से 6 दाने होते हैं और हरी फलियों की उपज लगभग 70 से 80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है.

मिटीओर

यह भी मटर की एक अगेती किस्म है, इसकी फलियों को हम बुवाई के करीब 65 से 70 दिनों बाद तोड़ना शुरू कर सकते हैं. इसके दाने मीठे और गोलाकार होते हैं. इसकी फलियां करीब 5 से 6 सेमी लंबाई की होती हैं हर एक फली में लगभग 5 से 6 दाने होते हैं. हरी फलियों की औसत उपज करीब 50 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर मिल जाती है.

यह भी पढ़ें: Pea Farming: मटर की खेती कब और कैसे करें, यहां जानें बुवाई से लेकर तुड़ाई तक की सम्पूर्ण जानकारी

अर्ली बैजर

यह किस्म एक विदेशी किस्म है, क्योंकि इस किस्म का विकास यूएसए में हुआ था. यह भी मटर की अगेती उन्नत किस्मों में जोड़ी जाती है. बुवाई के लगभग 65 से 70 दिनों बाद इसकी फलियां तोड़ने लायक हो जाती हैं. इस किस्म की फलियां कसी हुई होती हैं, क्योंकि इनकी फलियों में दाने कसकर भरे हुए होते हैं. फलियां हल्के हरे रंग की होती हैं, जिनकी लंबाई करीब 7 सेमी होती है. दाने आकार में बड़े और स्वाद में मीठे होते हैं. हरी फलियों की औसत उपज लगभग 40 से 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है.

यह जानकारी कानपुर (उत्तर प्रदेश) के अभय मिश्रा द्वारा साझा की गई है.

English Summary: Top Pea Variety: Improved varieties of peas, maximum production capacity 80 quintal per hectare Published on: 12 November 2022, 03:51 PM IST

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