गेहूं रबी सीजन की सबसे महत्वपूर्ण फसलों में से एक है. आज हम अपने इस लेख में आपको गेहूं की 5 उन्नत किस्मों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी खेती कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
दरअसल, भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (Indian Institute of Wheat and Research) के कृषि वैज्ञानिकों ने गेहूं की पाँच नई किस्में विकसित की है, जिसकी खेती कर किसानों को अच्छी पैदावार के साथ मुनाफा भी अच्छा प्राप्त होगा, ऐसे में आइये जानते हैं इन उन्नत किस्मों की खासियत के बारे में.
करण नरेन्द्र (Karan Narendra)
गेहूं की यह नयी किस्म, जिसे डीबीडब्ल्यू 222 (DBW-222) नाम से भी जाना जाता है. इस किस्म की बुवाई का उचित समय 25 अक्टूबर से 25 नवम्बर के बीच होता है. इस किस्म की खासियत यह है कि इस किस्म की रोटी बहुत पौष्टिक होने के साथ – साथ स्वादिस्ट भी होती है. गेहूं की यह किस्म 143 दिन में कटाई के लिए तैयार हो जाती है. इस किस्म से किसान भाई 65.1 से 82.1 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार प्राप्त कर सकते हैं.
करण वंदना (Karan Vandana)
गेहूं की यह नयी किस्म, जिसे डीबीडब्ल्यू-187 (DBW-187) नाम से भी जाना जाता है. गेहूं की यह किस्म 120 दिन में कटाई के लिए तैयार हो जाती है. इस किस्म से किसान भाई 75 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार प्राप्त कर सकते हैं.
पूसा यशस्वी (Pusa yashasvi)
गेहूं की इस किस्म (Varities Of Wheat) की खेती भारत के कश्मीर, हिमाचल, और उत्तराखंड क्षेत्र में की जाती है. इस किस्म की बुवाई के लिए 5 नवम्बर से 25 नवम्बर का महीना उचित माना जाता है. इस कसिम से किसान भाई 57.5 से 79. 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार प्राप्त कर अच्छा मुनाफ कमा सकता है.
करण श्रिया (Karan Shriya)
गेहूं की इस किस्म की खेती भारत के उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड, एवं पश्चिम बंगाल क्षेत्र में की जाती है. इस किस्म की फसल 127 दिन में पककर कटाई के लिए तैयार हो जाती है. इस किस्म से किसान भाई 55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार प्राप्त कर सकते हैं.
डीडीडब्ल्यू 47 (DDW47)
गेहूं की यह किस्म से किसान भाई 74 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार प्राप्त कर अच्छा मुनाफ कमा सकते हैं. इस किस्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस किस्म में प्रोटीन की मात्रा अन्य किस्मों के मुकाबले सबसे अधिक पाई जाती जाती है.
ऐसे ही उन्नत किस्मों की जानकारी जानने के लिए जुड़े रहिये कृषि जागरण हिंदी पोर्टल से.
Share your comments