बाजारों में बारह महीने फूलगोभी की मांग बनी रहती है, और सर्दियों के मौसम में जब सब्जियों की कीमतें बढ़ती हैं, ऐसे में फूलगोभी किसानों के लिए कमाई का गोल्डन मौका बन सकती है. पूसा हाइब्रिड-2 और पूसा शुभ्रा, पूसा फूलगोभी हाइब्रिड-101(डी.सी.एच-1467), पूसा स्नोबॉल हाइब्रिड-1 (के.टी.एच-7), पूसा कार्तिकी (डी.सी-23000) जैसी किस्में किसानों को न केवल अधिक उपज देती हैं, बल्कि कम समय में बाजार के लिए तैयार भी हो जाती हैं. अगर किसान फूलगोभी की इन किस्मों की खेती करते है तो वह कम खर्च में अधिक मुनाफा अर्जित कर सकते हैं.
फूलगोभी की टॉप 5 उत्तम किस्में
पूसा हाइब्रिड 2
पूसा हाइब्रिड 2 फूलगोभी की यह किस्म भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) द्वारा विकसित की गई है. किसान अगर इस किस्म की खेती करते हैं तो वह कम समय में अच्छा उत्पादन पा सकते हैं, क्योंकि इस किस्म में जल्दी पकने की क्षमता होती है और यह फूलगोभी की किस्म करीबन 250 से 270 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन देने की क्षमता रखती है. यह किस्म रोपाई के बाद केवल 60 से 70 दिनों के भीतर कटाई के लिए तैयार हो जाती है.
पूसा शुभ्रा
पूसा शुभ्रा फूलगोभी की मुख्य किस्म है जिसकी गिनती टॉप 5 किस्मों में की जाती है. इस किस्म को तैयार होने में थोड़ा ज्यादा समय लगता है. करीबन 90 से 120 दिनों का समय और अगर किसान इस किस्म की खेती करते हैं, तो वह इसकी उपज 270-300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक कर सकते हैं.
पूसा फूलगोभी हाइब्रिड-101(डी.सी.एच-1467)
फूलगोभी की यह किस्म अधिक उत्पादन देती है, क्योंकि इस किस्म का वजन लगभग 600 से 650 के करीब होता है और साथ ही इस किस्म की बुवाई से किसान नवंबर के महीने में अच्छी आमदनी कर सकते हैं.
वहीं किसान अगर पूसा फूलगोभी हाइब्रिड-101 बुवाई करते हैं, तो वह 18.0 से 19.0 टन/हेक्टेयर तक की उपज पा सकते हैं. यह किस्म पंजाब, यूपी, बिहार, झारखंड में खेती के लिए उचित है.
पूसा स्नोबॉल हाइब्रिड-1 (के.टी.एच-7)
यह किस्म एन सी आर, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड जैसे इलाकों में ज्यादा पैदावार दे सकती है और यहां के किसान इस किस्म से बढ़िया कमाई कर सकते हैं, क्योंकि यह किस्म किसानों को 55.0 टन/हेक्टेयर तक की उपज देती है जिससे किसानों की कमाई शानदार होती है. साथ ही इस किस्म में काला सड़न रोग की प्रति रोधकता है. कुल मिलाकर किसानों के लिए यह किस्म सोना है.
पूसा कार्तिकी ( डी.सी-23000)
फूलगोभी की उन्नत किस्म पूसा कार्तिकी (डी.सी-23000) खेती के लिए उचित मानी जाती है, क्योंकि इस किस्म में कई गुणवत्ता पायी जाती है जिसकी वजह से किसान इस किस्म की पैदावार अधिक रूप से करते हैं. उच्च उत्पादन देने वाली यह किस्म किसानों को लगभग 25.0 टन/हेक्टेयर तक की बपंर उपज प्रदान करने की क्षमता रखती है और साथ ही इस किस्म के फूल बनने व बढ़वार में 22 से 27 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है. अगर इस किस्म को सही देखभाल मिल जाएं तो यह अच्छी उपज दे सकती है.
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