तम्बाकू एक ऐसी फसल है जो कम समय में तैयार हो जाती है और किसान इससे काफी अच्छा मुनाफा भी कमाते हैं. इसकी खेती में कम लागत लगता है और बचत भी अधिक होती है. तम्बाकू का उपयोग सिगरेट, बीड़ी, सिगार और पान के मसालों को बनाने में किया जाता है. आइये हम आज आपको इसकी खेती के तरीके के बारे में बताते हैं
मिट्टी
तम्बाकू की खेती करने के लिए भुरभुरी और दोमट मिट्टी की जरुरत होती है. इसके खेत में जल निकासी की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए. जल भराव के कारण पौधे सड़ने लगते हैं. तम्बाकू की खेती के लिए मिट्टी की पीएच मान 7 से 9 तक होना चाहिए.
तापमान
तम्बाकू के बीजों के अंकुरण के लिए ठंडे मौसम की आवश्यकता होती है. यह 15 से 20 डिग्री तक के तापमान में अच्छा ग्रो करता है. जब इसकी पत्तिया पकने लगती हैं तो इन्हें ज्यादा तापमान और धूप की जरुरत होती है.
रोपाई
खेत में पौधों की रोपाई करने से पहले इसकी अच्छे से जुताई कर लेनी चाहिए और फिर कुछ दिन के लिए इसे छोड़ दें. आप खेत मं जुताई के बाद ही उर्वरक डाल दें. पौधों की रोपाई दिसंबर के महीने में शुरू हो जाती है और इसकी फसल तैयार होने में तीन से चार महीने का समय लग जाता है. इन पौधों को समतल खेतों में मेड़ बनाकर लगाया जाता है. पौधों के बीच की दूरी को दो से तीन फीट तक रखना चाहिए.
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सिंचाई
पौधों की रोपाई करने के बाद इसकी तुरंत सिंचाई कर देनी चाहिए. तम्बाकू की फसल को 15 से 20 दिन के अंतराल में पानी की जरुरत पड़ती रहती है. पौधों की रोपाई के बाद पानी के कारण मिट्टी में खरपतवार जमने लगते हैं, ऐसे में मिट्टी की गुड़ाई 20 से 25 दिन बाद कर देनी चाहिए और यह समय-समय पर या एक अंतराल के बाद करते रहना चाहिए.
कमाई
तम्बाकू की खेती अगर एक एकड़ में की जा रही है तो इस सीजन में आप डेढ़ से दो लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं.
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