भारत में मूंग की खेती लोकप्रिय है. यह खरीफ में उगाई जाने वाली एक प्रमुख दलहनी फसल है. मुख्य रूप से इसकी खेती करने में राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक जैसे राज्य आगे रहते हैं. हालांकि आंध्र प्रदेश, उड़ीसा व तमिलनाडु में भी मूंग का उत्पादन किया जाता है. इसकी खेती खरीफ, रबी और जायद के मौसम में होती है. चलिए आपको बताते हैं कि खरीफ के मौसम में मूंग का अधिक उत्पादन कैसे किया जा सकता है.
मूंग की खेती के लिए भूमि का चुनाव (Land selection for moong cultivation)
मूंग की खेती लगभग सभी तरह की मिट्टी पर हो सकती है. हालांकि इसके लिए पी एच 7 वाली हल्की से भारी मिट्टी उपयुक्त है. खेतों में जल निकासी की उचित व्यवस्था का होना जरूरी है. इसलिए खेतों को हल्के ढ़ालदार आकार दें. ध्यान रहे कि लवणीय, क्षारीय एवं अम्लीय भूमि इसके लिए उपयुक्त नहीं है.
मूंग की खेती के लिए भूमि की तैयारी (Land preparation for moong cultivation)
मानसून के प्रारंभ होने से पहले ही खेत की जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करें. दो-तीन बार खेत की जुताई करनी जरूरी है. दीमक व अन्य कीटों के नियंत्रण के लिए क्लोरोपायरीफास 1.5 प्रतिशत चूर्ण का उपयोग 20 किलोग्राम प्रति हेक्टर की दर डाल सकते हैं. जुताई के बाद खेतों को समतल कर दें एवं पाटा लगाकर ढक दें.
विशेष ध्यान देने योग्य बातें (Things to note)
मूंग की खेती से पहले चयनित खेत की मिट्टी तथा सिचांई के पानी की जांच कराना फायदेमंद है. आज के समय में मूंग के कई बीज बाजार में उपलब्ध है, इसलिए बुवाई हेतु उच्च गुणवत्ता की प्रजातियों का ही चयन करें.
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