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छत्तीसगढ़ के इस जिले में है मसाला खेती की अपार संभावनाएं

छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले को गन्ने की खेती के कारण एक अलग पहचान मिली है। यहां के अधिकांश किसान गन्ने की खेती पर ही निर्भर है और इसीलिए वह इस खेती से किसी भी रूप में विमुख नहीं हो पाते है। यहां के कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों का मानना है कि यहां कि भूमि पर यदि मसालों की खेती की जाए तो भी किसान काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते है। किसानों को मसाले की खेती करने पर सबसे ज्यादा लाभ होगा।

किशन

छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले को गन्ने की खेती के कारण एक अलग पहचान मिली है। यहां के अधिकांश किसान गन्ने की खेती पर ही निर्भर है और इसीलिए वह इस खेती से किसी भी रूप में विमुख नहीं हो पाते है। यहां के कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों का मानना है कि यहां कि भूमि पर यदि मसालों की खेती की जाए तो भी किसान काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते है। किसानों को मसाले की खेती करने पर सबसे ज्यादा लाभ होगा।

अधिक होता है अदरक उत्पादन

इसी तरह की सोच रखने वाले बोड़ला ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम पोड़ी के 38 वर्षीय शेख शमीमुद्दीन ने अदरक को लेकर ऐसा ही किया है। वह आज यहां ट्रांसपोर्ट का व्यापार छोड़कर खेती-किसानी कर रहे है। उन्होंने इससे पहले अप्रैल 2018 में 30 डिसिमल भूमि में अदरक की खेती को शुरू किया था। अब खेत से अदरक को निकालने का काम शुरू हो चुका है। उन्होंने 30 डिसिमल भूमि में 1.60 क्विंटल अदरक के कंद को लगाया था, वर्तमान में आज तीन क्विंटल से अधिक का अदरक निकाला जा चुका है। वहीं 5 क्विंटल अदरक के निकलने की संभावना है। शमीमुद्दीन का मानना है कि अदरक की खेती में गन्ने से भी ज्यादा फायदा है। उनके अनुसार 30 डिसमिल की भूमि में 8 क्विंटल तक अदरक की खेती हो सकती है। वहीं दूसरी ओर गन्ने की खेती से इस बात की ज्यादा उत्पादन की उम्मीद नहीं होती है।  

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ऑनलाइन खरीदा अदरक कंद

शेख ने बताया कि वर्ष 2016 में उन्होंने अपना ट्रांसपोर्ट का व्यापार बंद कर दिया था। उनके पास पहले तीन ट्रक थे जिससे उनका जीवन यापन चलता था।  लेकिन किसी कारण से ट्रांसपोर्ट के व्यापार में मुनाफा नहीं होने के कारण उन्होंने इसे छोड़ दिया। उन्होंने अपनी 16 एकड़ पुश्तैनी खेती में धान, गन्ना, गेहूं, चना, सोयाबीन, अदरक की खेती को शुरू की है। शेख शमीमुद्दीन ने एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से 12 हजार रूपये में अदरक का कंद महाराष्ट्र के वर्धा से मंगवाया और साथ ही यू टयूब के वीडियों को देख कर खेती करना शुरू कर दिया है। किसान शेख शमीसुद्दीन के मुताबिक अदरक की खेती में अन्य फसलों की अपेक्षा ज्यादा मुनाफा हो रहा है। इसकी खेती को समय -समय के अंतराल पर पानी देना पड़ता है। बाजार में अदरक की कीमत की बात करें इसकी न्यूनतम कीमत 8 हजार रूपए प्रति क्विंटल है। शमीसुद्दीन को उम्मीद है कि इसके सहारे खेत से अदरक की अच्छी पैदावार तो होगी साथ ही 64 हजार रूपये तक की कमाई भी इसके सहारे संभव है।

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राज्य सरकार को अनुदान लक्ष्य हेतु भेजा जाएगा पत्र

अदरक की खेती के लिए उद्यानिकी विभाग को पूरी जिम्मेदारी सौंपी गयी है। विभाग के सहायक संचालक के मुताबिक इस खेती के लिए अनुदान का भी प्रावधान है लेकिन फिर भी कोई व्यक्ति जिले में अदरक की खेती करने को तैयार नहीं है। पहली बार पोड़ी में इसकी खेती को शुरू किया गया है। इसकी खेती को देखते हुए राज्य सरकार को अनुदान हेतु आशय पत्र भी भेजा जाएगा। आने वाले समय में किसानों को यहां पर इसकी खेती के बारे में अन्य जानकारी दी जाएगी। इससे किसानों को खेती और उससे जुड़े मसलों को सुलझाने में काफी फायदा मिलेगा।

English Summary: This district of Chhattisgarh has immense potential of cultivating spices. Published on: 29 January 2019, 10:26 AM IST

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