Brinjal Crop: बैंगन की फसल से अच्छा उत्पादन पाने के लिए किसानों को इसकी उन्नत किस्मों का चयन करना चाहिए. ताकि वह कम समय और कम लागत के साथ अधिक मुनाफा प्राप्त कर सकें. इसी क्रम में आज हम बैंगन की खेती/ Brinjal Cultivation करने वाले किसानों के लिए बैंगन की तीन उन्नत किस्मों की जानकारी लेकर आए हैं, जो 60-70 दिन में पूरी तरह से पक जाती हैं. बैंगन की ये तीनों किस्म प्रति हेक्टेयर 27 क्विंटल तक बढ़िया पैदावार देने में सक्षम हैं. इसके अलावा ये किस्में कई तरह के रोग के प्रतिरोधी भी है. बैंगन की जिन उन्नत किस्मों की हम बात कर रहे हैं, वह पूसा पर्पल क्लस्टर, पूसा पर्पल राउंड, पूसा परपल लोंग और पूसा हाइब्रिड-6/ Pusa Purple Cluster, Pusa Purple Round, Pusa Purple Long and Pusa Hybrid-6 है.
दरअसल, बैंगन की ये तीनों किस्में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान-भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, पूसा (ICAR - Indian Agricultural Research Institute) के वैज्ञानिकों के द्वारा विकसित की गई हैं. ऐसे में आइए आज हम बैंगन की इन उन्नत किस्मों के बारे में विस्तार से जानते हैं-
बैंगन की तीन उन्नत किस्में/ Three Improved Varieties of Brinjal
पूसा पर्पल लॉन्ग किस्म (Pusa Purple Long variety): इस किस्म का बैंगन लंबा होता है और साथ ही यह काफी चमकदार, बैंगनी रंग का होता है. किसान बैंगन की इस किस्म से प्रति हेक्टेयर 25 से 27 क्विंटल का अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं. बैंगन की पूसा पर्पल लॉन्ग किस्म को ज्यादातर उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पंजाब के किसानों के द्वारा उगाया जाता है.
पूसा पर्पल राउंड किस्म (Pusa Purple Round variety): बैंगन की यह किस्म गहरे बैंगनी रंग होती है. इस किस्म के फल गोल आकार के होते हैं. इसके फसलों का वजन करीब 130-140 ग्राम प्रति फल होता है. यह किस्म 60-70 दिन में भी पककर तैयार हो जाती है. बैंगन की पूसा पर्पल राउंड किस्म विल्ट और फल सड़न के प्रति मध्यम प्रतिरोध है.
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पूसा पर्पल क्लस्टर किस्म (Pusa Purple Cluster variety): बैंगन की यह किस्म गुच्छों में पैदा होती है. इसके फलों की लंबाई 10-12 सेमी होती है. बैंगन की पूसा पर्पल क्लस्टर किस्म जीवाणु विल्ट रोधी भी है. यह किस्म उत्पादक में बैंगन की अन्य किस्मों से कहीं अधिक उपज देती है.
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