भारतीय मसालों से जुड़ी ये बातें है बेहद खास

इस बात में शक नहीं है कि भारतीय मसाले स्वाद में चटपटे और काफी ज्यादा मसालेदार होते है. इसी वजह से हमारे यहां मसालों का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है. अगर हम देश में मसालों के उत्पादन की बात करें तो आंकड़ों के अनुसार दुनियाभर के कुल 70 प्रतिशत से अधिक मसालों का उत्पादन हमारे देश में ही होता है जो अपने आप में गर्व की बात हैं. मतलब यह है कि दुनियाभर के किचन में हमारे खाने का ही उपयोग होता है. तो आइए जानते हैं - क्या है भारतीय मसालों की खात बात जो इनको बेहद खास बनाने का कार्य करती है-
काली मिर्च (Black Pepper)
पहले चौथी सदी के समय काली मिर्च को काफी ज्यादा अहम मसाला माना जाता था और पूरी दुनिया में यह बुहत ही ज्यादा लोकप्रिय था. ग्रीस के लोग इसे मुख्य रूप से ब्लैक गोल्ड (Black Gold) कहते थे. उस समय पर तकरीबन एक साल में 120-130 पानी के जहाजों पर रोम (Rome) से आए हुए लोग काली मिर्च को लादकर रोम ले जाते थे. अगर भारत की बात करें तो हमारे यहां इसका मूल स्त्रोत दक्षिण ही है. काली मिर्च का पौधा त्रावणकोर और मालाबार के जंगलों में काफी बहुलता से उत्पन्न होता है.

नमक (Salt)
देश में तकरीबन 5 हजार सालों से नमक का उत्पादन हो रहा है जो आपके लिए काफी जरूरी होता है. स्पाइस रूट के दौरान पहले जो भी रोमन सैनिकार होते थे उनको तनख्वाह के तौर पर नमक दिया जाता था. इससे सैलरी के टर्म में काफी ज्यादा इजाफा हुआ है. शुद्ध नमक रंगहीन होता है. समुद्र के खारेपन के लिए सोडियम क्लोराइड की उपस्थिति होती है.
अमेरीका भी मांगता है भारतीय मसाले
18वीं सदी के समय पर जब अमेरिका ने खुद को स्वतंत्र देश घोषित किया था उस समय से ही अमेरिका के नागरिकों ने भारतीय मसालों का आयात करना तेजी से शुरू कर दिया था. बाद में यह मसाले पश्चिमी सभ्यता का अहम हिस्सा बन गए थे.
पहले होता था निर्यात
सबसे पहले वास्को-डी-गामा वर्ष 1492 में भारत आया था. इतिहासकारों की बात करें तो पुर्तगाल एक ऐसा देश था जिसने भारत की खोज की थी. वासको-डी-गामा ने यहां से मसालों का निर्यात तेजी से शुरू किया और वह पानी के जहाज पर मसालों को लादकर पुर्तगाल ले जाता था जिसे समुद्री लुटेरे बीच में ही लूट लेते थे. उस समय पर मसाले काफी कीमती माने जाते थे.
English Summary: These things related to Indian spices are very special
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