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शुष्क और बढ़ते तापमान में इस तरह करें फसलों की देखभाल, मिलेगा अधिक उत्पादन

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के कृषि वैज्ञानिकों ने एक नई कृषि सलाह जारी की है. कृषि वैज्ञानिकों ने कहा है कि आने वाले सप्ताह में तेज़ हवा के साथ – साथ तापमान में बढ़ोत्तरी की सम्भावना हो रही है, जो फसलों के लिए प्रतिकूल मानी जा रही है.

स्वाति राव
IARI
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भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के कृषि वैज्ञानिकों ने एक नई कृषि सलाह जारी की है. कृषि वैज्ञानिकों ने कहा है कि आने वाले सप्ताह में तेज़ हवा के साथ – साथ तापमान में बढ़ोत्तरी की सम्भावना हो रही है, जो फसलों के लिए प्रतिकूल मानी जा रही है.

ऐसे में किसानों को अपनी फसल का रखरखाव करना होगा, इसलिए वैज्ञानिकों ने मौसम की अनियमितता को देखकर किसानों जरुरी सलाह दी है. तो चलिए कृषि वैज्ञानिकों द्वारा दी गयी जानकारी के बारे में जानते हैं.

फसलों में हल्की सिंचाई (Apply light irrigation to crops)

वैज्ञानिकों ने कहा कि किसान सभी सब्जियों (Vegetables) दलहन फसलों, मक्का और नर्सरी में जल निकासी की समुचित व्यवस्था करें. इसके साथ ही फसलों तथा सब्जियों में आवश्यकतानुसार हल्की सिंचाई करें.

मार्च माह में मूंग और उड़द की बुवाई (Sow Moong and Urad in March)

इसके अलावा वैज्ञानिकों ने किसानों को मार्च माह में मूंग और उड़द की फसलों की बुवाई (Sowing Of Moong And Urad Crops ) की सलाह दी है. वैज्ञानिकों में कहा कि किसान इन फसलों की बुवाई के लिए किसी प्रमाणित बीजों की खरीद करें. इसके साथ ही उन्नत किस्में जैसे कि मूंग की उन्नत किस्में पूसा विशाल, पूसा बैसाखी, पीडीएम-11, एसएमएल-32 आदि एवं उड़द की पंत उड़द-19, पंत उड़द-30, पंत उड़द-35 एवं पीडीयू-1 आदि की बुवाई करें. इन बीजों की बुवाई करने के लिए पहले इन्हें फसल विशेष राईजोबीयम तथा फास्फोरस सोलूबलाईजिंग बैक्टीरिया से अवश्य उपचार करें.

भिंडी की अगेती बुवाई करें (Sow Ladyfinger Early)

वहीँ वैज्ञानिकों का कहना है कि इस सप्ताह में बढ़ते हुए तापमान की आशंका को देखते हुए किसान अपने खेत में भिंडी की अगेती बुवाई (Early Sowing Of Ladyfinger) करें. इसके लिए किसान भिन्डी की किस्म ए-4, परबनी क्रांति, अर्का अनामिका आदि किस्मों का चयन करें.  भिन्डी की बुवाई के लिए खेतों में पर्याप्त नमी का ध्यान रखें. एक एकड़ में 10 से 15 किलोग्राम बीज की बुवाई करें. मौसम को ध्यान में रखते हुए किसान टमाटर, मिर्च, कद्दूवर्गीय सब्जियों के तैयार पौधों की रोपाई इस सप्ताह कर सकते हैं.

सरसों में चेपा रोग से बचाव (Prevent Chepa Disease In Mustard)

शुष्क और बढ़ते तापमान की वजह से सरसों की फसल में रोगों का खतरा बढ़ने की सम्भावना हो सकती है. सरसों में चेपा रोग हो सकता है . इसलिए सभी किसान अपनी सब्जियों की फसल में 25-0.5 मि.ली इमिडाक्लोप्रिड को एक लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें.

प्याज में थ्रिप्स कीट से करें बचाव (Prevent Thrips Pest In Onion)

प्याज की फसल में थ्रिप्स के आक्रमण का खतरा मंडरा सकता है. इसके लिए फसल पर कीट पाए जाने पर 0.5 मिली कानफीड़ोर को 3 ली. पानी में मिलकर किसी चिपकने वाले पदार्थ जैसे टीपोल आदि में मिलाकर छिड़काव करें.

English Summary: take care of crops in this way in dry and rising temperature, you will get more production Published on: 21 February 2022, 05:17 PM IST

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