किसानों के लिए गन्ने की फसल नकदी फसलों में से एक मानी जाती है. गन्ने की खेती को किसान की आय का सबसे बड़ा स्रोत माना जाता है. अगर आप भी अपने खेत में गन्ने की खेती करने के बारे में विचार कर रहे हैं, तो इसके लिए आपको सब्र रखना होता है. क्योंकि यह फसल 10 से 12 महीनों में तैयार होती है और साथ ही इस खेती में लागत भी अधिक लगती है. लेकिन जब किसान को इससे अच्छी उपज प्राप्त होती है और बाजार में कीमत भी अच्छी मिलती है. तभी किसान के चेहरे पर फसल की खुशी साफ देखी जा सकती है.
अगर आप अपने खेत में गन्ने की खेती से अच्छी पैदावार प्राप्त करना चाहते हैं, तो ऐसे में आपको गन्ने की नई और उन्नतशील किस्मों का चयन करना चाहिए. दरअसल, अच्छी किस्म के गन्ने पर ही चीनी की उत्पादन निर्भर होता है. आइए जानते हैं कि किसान शरद कालीन के दौरान अपने खेत में किस किस्म के गन्ने की खेती करें.
गन्ने की बेहतरीन किस्में/ Best varieties of sugarcane
सीओ 0238 (करण-4): गन्ने की यह उन्नत किस्म साल 2008 में आईसीएआर के गन्ना प्रजनन संस्थान अनुसंधान केंद्र, करनाल और भारतीय गन्ना प्रजनन संस्थान कोयंबटूर द्वारा विकसित की गई थी, जिसकी उपज क्षमता 32.5 टन प्रति एकड़ है. गन्ने की यह किस्म कम पानी और साथ ही जलभराव की स्थिति में भी अच्छा उत्पादन देने में सक्षम है.
गन्ने की किस्म CO-0118 (करण-2) : यह किस्म लाल सड़न रोग के प्रतिरोधी है. इसे वैज्ञानिकों के द्वारा साल 2009 में विकसित किया गया था. CO-0118 (करण-2) किस्म के गन्ने लंबे, मध्यम, मोटे और भूरे बैंगनी रंग के होते हैं. लेकिन इस गन्ने की उपज क्षमता थोड़ी कम होती है. यह किस्म प्रति एकड़ में 31 टन फसल की पैदावार देती है.
सीओ-0124 (करण-5): गन्ने की यह किस्म साल 2010 में गन्ना प्रजनन अनुसंधान संस्थान, करनाल और गन्ना प्रजनन अनुसंधान संस्थान, कोयंबटूर के द्वारा विकसित की गई है. किसान इस किस्म से प्रति एकड़ खेत से करीब 30 टन तक उपज प्राप्त कर सकते हैं. यह फसल देरी से पकती है और यह किस्म भी लाल सड़न रोग के प्रतिरोधी है.
सीओ -0237 (करण-8): इस गन्ने की किस्म को साल 2012 में गन्ना प्रजनन संस्थान क्षेत्रीय केंद्र करनाल के द्वारा तैयार की गई है. यह किस्म भी लाल सड़न रोग के प्रतिरोधी है. यह किस्म हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और मध्य उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए तैयार किया गया है. सीओ 0237 (करण-8) से किसान प्रति एकड़ 28.5 टन उपज प्राप्त कर सकते हैं.
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सीओ 05011 (करण-9): गन्ने की यह किस्म मध्यम लंबी, मध्यम मोटी, बैंगनी रंग के साथ हरे रंग की भी होती है. वहीं यह गन्ना बेलन के आकार का होता है. इस किस्म की खासियत यह है कि यह लाल सड़न और उकठा के प्रतिरोधी होती है. इससे किसान प्रति एकड़ लगभग 34 टन तक उपज प्राप्त कर सकते हैं.
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