विश्व में मसूर का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश भारत को माना जाता है. यह सबसे महत्वपूर्ण दलहन फसलों में से एक है, जिसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है. मसूर छपाई और कपड़ा उद्योग के लिए स्टार्च की आपूर्ति भी प्रदान करता है. इसका उपयोग ब्रेड और केक बनाते समय गेहूं के आटे के साथ भी किया जाता है.
दाल को ठंडे वातावरण की जरूरत पड़ती है. यह काफी हद तक कठोर सर्दियों और ठंड का सामना आसानी से कर सकता है. अगर मसूर की खेती के लिए मिट्टी की बात करें, तो इसे उगाने के लिए सूखी दोमट मिट्टी अच्छी होती है. तो ऐसे में आज हम अपने इस लेख में राज्य के हिसाब से मसूर की ऐसी किस्मों के बारे में बतायेंगे, जो मसूर की खेती करने वाले किसानों के लिए राज्य के हिसाब से फायदेमंद होंगी...
मसूर की राज्यवार अनुशंसित किस्में (State Wise Recommended Varieties of Lentils)
1) बिहार में मसूर की किस्म
2) मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मसूर की किस्म
3) गुजरात में मसूर की किस्म
4) हरियाणा में मसूर की किस्म
5) महाराष्ट्र में मसूर की किस्म
6) पंजाब में मसूर की किस्म
7) उत्तरभारत में मसूर की किस्म
8) राजस्थान में मसूर की किस्म
9) उत्तराखंड में मसूर की किस्म
किस्में- वीएल-103, पीएल-5, वीएल-507, पीएल-6, वीएल-129, वीएल-514, वीएल-133
10) जम्मू और कश्मीर में मसूर की किस्म
11) पश्चिम बंगाल में मसूर की किस्म
अगर आप फसल उत्पादन के बारे में तकनीकी तौर पर जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इसके आप जिला केवीके या निकटतम केवीके से संपर्क कर सकते हैं.
यदि आपको भंडारण अवसंरचना आदि की आवश्यकता है तो आप स्थानीय डीडीए/एसएडीओ कार्यालय से संपर्क करें.
अधिक जानकारी के लिए भी विजिट करें (For more details also visit)
एम-किसान पोर्टल - http://mkisan.gov.in
किसान पोर्टल - http://farmer.gov.in
किसान कॉल सेंटर (केसीसी)-टोल फ्री नंबर-1800-180-1551
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