Pea Cultivation Tips: भारत में मटर की खेती के लिए सबसे उपयुक्त समय अक्टूबर से मध्य नवंबर तक माना जाता है. सितंबर माह के खत्म होने में बस अब कुछ दिन बाचे हैं, ऐसे में किसानों ने मटर की खेती को लेकर तैयारी करनी शुरू कर दी है. यदि आप भी अक्टूबर के माह में मटर की खेती से अच्छी कमाई करना चाहते हैं, तो इसकी उन्नत किस्मों की बुवाई कर सकते हैं. यह किस्में बंपर पैदावार देती है, जिसे किसान बेचकर अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं.
आज हम आपको कृषि जागरण के इस आर्टिकल में अक्टूबर के महीने में मटर की 3 उन्न्त किस्मों की जानकारी देने जा रहे हैं, जिनसे बेहतरीन उपज प्राप्त की जा सकती है.
1. पूसा थ्री मटर किस्म
अक्टूबर के महीने में किसानों को पूसा थ्री मटर किस्म की बुवाई करनी चाहिए. यह मटर की अगेती किस्म हैं, जिसे उत्तर भारत के किसानों के लिए तैयार किया गया है. किसान इस किस्म की मटर की बुवाई करने के मात्र 50 से 55 दिनों के अंदर ही तुड़ाई कर सकते हैं. इस किस्म की मटर की प्रत्येक फली में 6 से 7 दाने होते हैं. किसान यदि इस किस्म की मटर की बुवाई एक एकड़ खेत में करते हैं, तो 20 से 21 क्विंटल तक फलियां प्राप्त कर सकते हैं.
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2. काशी नंदिनी किस्म
काशी नंदिनी किस्म, मटर की एक शीघ्र पकने वाली किस्म है. बुवाई के 32 दिनों बाद ही इसकी फसल में फूल आने शुरू हो जाते हैं. इस किस्म के मटर के पौधे की ऊंचाई लगभग 47 से 51 सेमी तक रहती है. इसके प्रत्येक पौध पर 7 से 8 फलियां आती है, जिनकी लंबाई 8 से 9 सेमी होती है. इसकी प्रत्येक फली में 8 से 9 बीज होते हैं. बुवाई के 60 से 65 दिन में इसकी फसल तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है. यदि किसान एक हैक्टेयर में मटर की इस किस्म की खेती करते हैं, तो 110 से 120 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं.
3. ऑर्केट मटर किस्म
अक्टूबर के महीने किसान मटर की ऑर्केट किस्म की खेती करके भी कम समय में अच्छी कमाई कर सकते हैं. मटर की यह एक यूरोपियन किस्म है, जिसके दानें मीठे दाने होते हैं. इस किस्म की मटर का आकार लगभग तलवार के जैसा होता है और फली की लंबाई 8 से 10 सेंटीमीटर तक होती है. इसकी प्रत्येक फली में 5 से 6 दाने देखने को मिलते हैं. बुवाई के 60 से 65 दिनों के भीतर ही इस किस्म की मटर की फसल तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है. किसान मटर की इस किस्म की एक एकड़ खेत में खेती करके लगभग 16 से 18 क्विंटल पैदावार प्राप्त कर सकते हैं.
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