1. Home
  2. खेती-बाड़ी

Rabi Vegetables: किसान रबी सीजन में इन सब्जियों की खेती कर प्राप्त कर सकते हैं बेहतर उपज, कृषि वैज्ञानिक से जानें उन्नत किस्मों के नाम

मौसम के अनुसार, सब्जी उत्पादन की नवीनतम तकनीकों और उन्नत किस्मों का चुनाव करना भी काफी जरूरी होता है. इसी के मद्देनजर 26 अक्टूबर 2023 को कृषि जागरण के फेसबुक प्लेटफॉर्म पर कृषि विज्ञान केंद्र उजवा, नई दिल्ली के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. पीके गुप्ता के साथ एक खास लाइव वेबिनार का आयोजन किया गया जिसमें उन्होंने रबी सीजन में उगाई जाने वाली सब्जियों और उनकी उन्नत किस्मों पर चर्चा की.

KJ Staff
Rabi season vegetable crops list improved variety and farming technical method by agriculture scientist Dr P,K, Gupta
Rabi season vegetable crops list improved variety and farming technical method by agriculture scientist Dr P,K, Gupta

आज हमारे देश में लगभग 10.24 मिलियन हेक्टेयर भूमि पर सब्जियों की खेती की जाती है. बावजूद इसके औसत उत्पादन के मामले में भारत अभी भी काफी पीछे है. मालूम हो कि भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा सब्जी उत्पादक देश है. जबकि, सब्जी उत्पादन के मामले में चीन प्रथम स्थान पर है. वहीं देश में बढ़ती जनसंख्या, शहरीकरण और पोषण सुरक्षा के लिए सब्जियों की मांग हर दिन बढ़ती जा रही है. गौरतलब है कि भारत में पहाड़ी इलाकों से लेकर मैदानी इलाकों तक में विभिन्न प्रकार की सब्जियों की खेती की जाती है. हालांकि, मौसम के अनुसार, सब्जी उत्पादन की नवीनतम तकनीकों और उन्नत किस्मों का चुनाव करना भी काफी जरूरी होता है.

इसी के मद्देनजर किसानों के बीच रबी सब्जियों की खेती को बढ़ावा देने और इनके बेहतर उत्पादन के लिए नवीनतम तकनीकों के बारे में जानकारी देने के उद्देश्य से 26 अक्टूबर 2023 को कृषि जागरण के फेसबुक प्लेटफॉर्म पर कृषि विज्ञान केंद्र उजवा, नई दिल्ली के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. पीके गुप्ता के साथ एक खास लाइव वेबिनार का आयोजन किया गया जिसमें उन्होंने रबी सीजन में उगाई जाने वाली सब्जियों और उनकी उन्नत किस्मों पर चर्चा की.

रबी सीजन में उगाई जाने वाली सब्जियों की उन्नत किस्में

कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए केवीके, उजवा के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. पीके गुप्ता ने बताया कि रबी सीजन में अधिकतर हरी सब्जियों की खेती की जाती है. अगर इनका वर्गीकरण किया जाए तो पत्ती वाली सब्जियों में पालक, मेथी और बथुआ आदि का उत्पादन किया जाता है, जबकि बेलवर्गीय सब्जियों में लौकी, तोरई, सेम और करेला आदि का नाम शामिल है. वहीं, कंद में आलू, प्याज, चुकंदर, लहसुन और शकरकंद का नाम शामिल है. इसके अलावा, जड़ वाली सब्जियों में मूली, शलगम, गाजर, जबकि फल वाली सब्जियों में बैंगन, टमाटर, मिर्ची, मटर, सेम को शामिल किया गया है.

इनके अलावा, रबी के मौसम में किसान लौकी, सीताफल और करेला आदि का भी खूब उत्पादन करते हैं. वहीं आगे इन सब्जियों की विशेष प्रजातियों के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. गुप्ता ने बताया कि धनिया कि पंत हरितमा, सीएस-4 किस्म काफी लोकप्रिय किस्म है. वहीं, मिर्च के लिए पंत सी-1 मिर्च, अर्का ख्याति, पूसा ज्वाला को बेहतर माना गया है. इसके अलावा मटर की बात करें, तो इसकी आजाद पी-1, आजाद पी-3 और पंत उपहार किस्म बेहतर हैं. जबकि, आलू की कई बेहतरीन प्रजातियों में कुफरी अलंकार, कुफरी पुखराज, कुफरी चंद्रमुखी, कुफरी अशोका, कुफरी जवाहर किस्मों के नाम शामिल हैं.

यह भी पढ़ें: धान की पराली से किसान ने की 31 लाख रुपये अधिक की कमाई, जानें कैसे मिली सफलता

रबी मौसम में सब्जियों के अच्छे उत्पादन के लिए किसान खेत की तैयारी किस तरह कर सकते हैं उसके बारे में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. पीके गुप्ता ने विस्तार से दर्शकों को जानकारी दी. वहीं आगे पादप पोषक तत्वों के अनुप्रयोग पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि गुणवत्तापूर्ण उपज प्राप्त करने के लिए खाद एवं उर्वरकों की संतुलित मात्रा के साथ-साथ किसानों को सूक्ष्म पोषक तत्वों का प्रयोग भी करना चाहिए.
इतना ही नहीं, वक्त के साथ बदलते वातावरण और प्रकृति को जरूरतों को देखते हुए कृषि वैज्ञानिक डॉ. पीके गुप्ता ने गृह वाटिका पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि व्यवसायिक इस्तेमाल के अलावा, भी शहरी क्षेत्रों में लोगों को किचन गार्डिनिंग और टैरेस गार्डनिंग आदि पर ध्यान देना चाहिए,. ताकि घर में उपजाई सब्जियों का सेवन कर हम बेहतर स्वास्थ्य की ओर भी बढ़ सकें. खेतों में तेजी से इस्तेमाल होते एग्रो कैमिकल्स के कारण लोग उम्र से पहले ही बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं. ऐसे में किसानों को भी प्राकृतिक व जैविक खेती को बढ़ावा देना चाहिए.

डॉ. पीके गुप्ता ने कहा कि दिल्ली व आस-पास के इलाकों से जुड़े शहरी लोग जो अपने घरों में टेरेस गार्डनिंग करना चाहते हैं या फिर किचन गार्डनिंग के शौकीन हैं, तो वो शुरूआत करने से पहले इसकी ट्रेनिंग जरूर लें. इसके लिए आप चाहें तो नई दिल्ली स्थित कृषि विज्ञान केंद्र उजवा में भी संपर्क कर सकते हैं. यहां मौजूद वैज्ञानिक हमेशा किसानों की मदद के लिए तैयार रहते हैं. वहीं कार्यक्रम के अंत में डॉ. पीके गुप्ता ने सभी दर्शकों को वर्टिकल और हाइड्रोपोनिक फार्मिंग से भी अवगत कराया. साथ ही इन तकनीकों से खेती करके होने वाले लाभ और इनके महत्व पर भी प्रकाश डाला.

English Summary: rabi season vegetable crops list improved variety and farming technical method by agriculture scientist dr pk gupta Published on: 26 October 2023, 06:20 PM IST

Like this article?

Hey! I am KJ Staff. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News