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किसान सावधान! बढ़ता तापमान धान को पहुंचा सकता है नुकसान, बचाव के लिए आज ही करें ये काम

Paddy Crop: बढ़ते तापमान ने धान की खेती करने वाले किसानों की चिंता बढ़ा दी है. तापमान बढ़ोतरी से रबी धान की फसल को नुकसान पहुंचने की संभावना है. ऐसे में फसल के बचाव के लिए किसान आज ही ये काम करें.

बृजेश चौहान
बढ़ते तापमान से धान का करें बचाव
बढ़ते तापमान से धान का करें बचाव

Wheat Crop: सर्दियों का मौसम अब अपने अंतिम पड़ाव पर है. गर्मियां ने लगभग दस्तक दे दी है. जिससे तापमान बढ़ना शुरू हो गया है. अचानक बढ़े इस तापमान से धान की खेती करने वाले किसानों की चिंता बढ़ दी है. तापमान में वृद्धि के कारण रबी धान की फसल में रोग लगने की संभावना बढ़ गई है. कई क्षेत्रों में तो तापमान बढ़ने से धान की फसल में गंभीर बीमारी देखी जा रही है. हाल ही में ओडिशा के कई जिलों में किसानों के खेतों में रबी धान की फसल में तना छेदक कीट का प्रकोप देखा गया है, जिससे फसल को नुकसान हो रहा है. ऐसे में किसानों को फसल बर्बाद होने की चिंता सता रही है. उधर, ओडिशा सरकार ने किसानों को कीटनाशकों के छिड़काव के लिए सब्सिडी देने का फैसला किया है. इससे किसानों को कुछ राहत मिलेगी.

इस कीट का प्रकोप सिर्फ ओडिशा में ही नहीं बल्कि अन्य जगहों पर भी हो सकता है. ऐसे में जिन किसानों ने रबी सीजन में धान की बुआई की है, उन्हें अपनी फसल को कीड़ों और बीमारियों से बचाने के उपायों की जानकारी जरूर लेनी चाहिए, ताकि समय रहते फसल को कीटों से बचाया जा सके.

क्या है तना छेदक रोग?

तना छेदक कीट चावल के दानों के समान सफेद रंग का कीट होता है. इसका चेहरा काला या भूरा होता है. इस कीट का प्रकोप गर्म और आर्द्र जलवायु में अधिक होता है. तना छेदक कीट तने को अंदर से खाता है जिससे तना सूखा दिखाई देने लगता है. इसके बाद तना पीला पड़ जाता है. कुछ दिनों के बाद पौधा लाल हो जाता है और फिर पूरी तरह सूख जाता है. इससे धान के उत्पादन को नुकसान होता है और उत्पादन भी बहुत कम होता है.

बचाव के उपाय

  1. समय पर सिंचाई: धान की सही सिंचाई करना तापमान के प्रति बचाव में महत्वपूर्ण है.

  2. पोषक तत्वों की पुनर्संपूर्णता: पोषक तत्वों की पुनर्संपूर्णता सुनिश्चित करने के लिए उर्वरकों का सही मात्रा में प्रयोग करें.

  3. कीट प्रबंधन: धान की फसल में लगने वाले कीटों से बचने के लिए समय-समय पर कीटनाशकों का प्रयोग करें.

बुवाई के बाद करें ये काम 

  1. रबी धान की बुवाई नवंबर और सामान्य धान की बुवाई जुलाई के पहले पखवाड़े तक कर देनी चाहिए.

  2. बुआई के 15 दिन बाद नर्सरी में एग्रोनिल-जीआर को फिप्रोनिल 0.3% जीआर घटक के साथ 1 किलोग्राम प्रति 100 वर्ग मीटर की दर से रेत में मिलाकर देना चाहिए.

  3. फसल में नाइट्रोजन युक्त उर्वरक का प्रयोग करना चाहिए.

  4. रोपाई से पहले पौधे के ऊपर के भाग को काट कर रोपाई करनी चाहिए.

  5. इस कीट के प्रौढ़ पतंग को आकर्षित करने के लिए गंध पाश जाल का इस्तेमाल किया जा सकता है.

  6. रोपाई के बाद फसल की अवस्था के अनुसार अमेज-एक्स प्रति 80 ग्राम या फेम प्रति 60 मिली या कोराजन प्रति 60 मिली, टाकूमी प्रति 100 ग्राम प्रति एकड़ का छिड़काव करना चाहिए.

  7. गर्मी और पानी के तनाव के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए मिट्टी के अनुसार फसलों की हल्की सिंचाई करें.

  8. हवा की गति को ध्यान में रखते हुए सिंचाई के लिए शाम के समय को प्राथमिकता दें.

English Summary: Protect Rabi paddy from rising temperature harmfull for paddy crop Published on: 23 February 2024, 11:22 AM IST

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