तरबूज की मांग गर्मियों के समय में काफी ज्यादा बढ़ जाती है. ऐसे में इसका अच्छी तरह से उत्पादन कर आप काफी अच्छी कमाई कर सकते हैं. गर्मी में तरबूज से फ्रूट डिश, जूस, शरबत जैसी अनेक चीजें बनाई जाती हैं. ऐसे मे बहुत से किसान तरबूज की खेती करते तो हैं पर वह इससे एक अच्छा लाभ नहीं कमा पाते हैं. आज हम आपको तरबूज की खेती करने में होन वाली समस्याओं और उनके उपाय के बारे में बताने जा रहे हैं, ताकि आप इसकी खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकें.
खेती करने का सही समय
तरबूज की फसल को तैयार होने में कम से कम 6 महीने का समय लग जाता है. ऐसे में किसानों को चाहिए कि वह इसकी शुरुआत सही सीजन में करें. आमतौर तरबूज की बुआई जनवरी से फरवरी महीने के बिच की जाती हैं और मई का महीना आते-आते यह बाजार में बिकने लगते हैं. किसानों को चाहिए कि वह अपने इलाके के मौसम की अच्छी खबर रखें ताकि तरबूज के उत्पादन को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाया जा सके.
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मिट्टी की तैयारी
तरबूज का उत्पादन बलुई मिट्टी में काफी अच्छा होता है. किसान भाई ज्यादातर नदियों के किनारे इसकी खेती करते हैं. अगर आप के जमीन की मिट्टी बलुई नहीं है तो इसके लिए सबसे पहले मिट्टी में अच्छी तरह खाद और उर्वरक देना होगा. इसके अलावा जिले के कृषि विभाग से मिट्टी की गुणवत्ता का टेस्ट करा लेन चाहिए.
मौसम
तरबूज के अच्छे उत्पादन के लिए खेतों में अच्छी सिंचाई व्यवस्था होनी चाहिए. आज भी गांव के ज्यादातर किसान बरसात के पानी पर निर्भर रहते हैं. ऐसे में उनको एक अच्छी सिंचाई व्यवस्था की जरुरत होती है.
बाजार की समस्या
किसानों की सबसे बड़ी समस्या फसल उत्पादन के बाद इसको बाजार तक पहुंचाना होता है. ऐसे में बाजार की अच्छी समझ ना होना और खरीदारों के लिए उचित दाम में तरबूज उपलब्ध कराना एक बड़ी समस्या रहती है.
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