Onion Cultivation Tips: भारत में प्याज की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है और खरीफ सीजन में इसकी खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है. किसानों के लिए प्याज की खेती काफी फायदेमंद मानी जाती है, लेकिन अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए उन्हें इसकी फसल की सही देखभाल और सही तकनीक का उपयोग उपयोग करना होता है. प्याज की खेती करते वक्त किसानों के सामने कई बड़ी चुनौती होती है, जिनमें फसल को सुरक्षित रखना और सही खाद का इस्तेमाल करना शामिल होता है. सही तकनीक के साथ खेती करने पर किसान प्याज की खेतीसे काफी अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं.
आइये कृषि जागरण के इस आर्टिकल में जानें, प्याज की फसल से अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए किस खाद का उपयोग करना उपयुक्त है?
प्याज की खेती
प्याज की बुवाई करने के लिए दोमट या बलुई दोमट को उपयुक्त माना जाता है, जिसमें जल निकासी अच्छी हो. यदि हम प्याज की प्रमुख उन्नत किस्मों की बात करें, तो इसमें लाल, सफेद और पीली प्याज शामिल हैं. किसानों को प्याज की बुवाई करते समय खेत की गहरी जुताई करके मिट्टी को भुरभुरा बना लेना चाहिए. प्याज के बीज या इसके पौधे की रोपाई करते वक्त आपको उपयुक्त दूरी का खास तौर से ख्याल रखना होता है, इसके एक पौधे से दूसरे पौधे की दूरी लगभग 15 से 20 सेंटीमीटर होनी चाहिए. प्याज की फसल को नियमित रुप से सिंचाई और खरपतवार नियंत्रण की आवश्यकता होती है. इसकी फसल की कटाई 100 से 120 दिनों में की जाती है, जब इसकी पत्तियां सूखने लग जाती हैं. सही तरीके से भंडारण करने पर इसकी फसल लंबे समय तक ताजा रहती है.
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गोबर की खाद का उपयोग
किसानों को प्याज की फसल से अच्छी खासी उपज प्राप्त करने के लिए कार्बनिक खादों में गोबर की खाद का उपयोग करना चाहिए. प्याज के खेत में बुवाई से लगभग 10 से 15 दिन पहले गोबर की खाद का इस्तेमाल करना चाहिए. किसानों को इसके खेत में प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 20 से 23 टन गोबर की खाद का उपयोग करना चाहिए. ऐसा करने से रोपाई होने के तुरंत बाद से ही फसल को पोषक तत्व मिलने शुरू हो जाते हैं.
अमोनियम सल्फेट खाद
प्याज के खेत में नाइट्रोजन की भरपाई करने के लिए किसानों को अमोनियम सल्फेट खाद का उपयोग करना चाहिए. यदि अमोनियम सल्फेट नहीं मिलता है, तो आप सिंगल सुपर फॅास्फेट का भी खेत में इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐसा करने से इसकी फसल में सल्फर की आवश्यकता पूरी का जा सकती है.
प्याज के खेत की सिंचाई
प्याज के खते की लगभग 10 से 12 बार सिंचाई की जाती है, लेकिन रबी सीजन में प्याज की अंतिम सिंचाई इसकी खुदाई से लगभग 15 से 20 दिन पहले ही करनी चाहिए. ऐसा करने से प्याज की फसल सही तरह से विकसित होती है और पैदावार में भी काफी अच्छी खासी वृद्धि होती है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि आती है.
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