प्रदेश में पहली बार टमाटर, बैगन, अमरूद, केला, पपीता, मिर्च की खेती करने वाले किसानों को इस फसल बीमा योजना के दायरे में शामिल कर लिया गया है. छतीसगढ़ सरकार द्वारा चालू खरीफ मौसम में उद्यानिकी पसलों के लिए पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना को लागू किया गया है. इस योजना के क्रियान्वय के लिए राजस्व निरीक्षक मंडक को बीमा काई बनाया गया है. यहां पर इसके लिए ग्राम पंचायतों के समूहों के आधार पर अलग-अलग जगह पर स्वाचलित मौसम केंद्रों को बनाया गया है. यहां पर फसलों के लिए मौसम केंद्रों में असामायिक वर्षा, तापमान के उतार-चढ़ाव, आंधी-तूफान सहित अन्य मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के डाटा को दर्ज किया गया है.
योजना में शामिल होने की तारीख
इस फसल बीमा योजना में शामिल होने की अंतिम तारीख 30 जुलाई है, इस योजना के लिए अधिकतम देय प्रीमियम बीमित राशि का मात्र 5 प्रतिशत ही किसानों को प्रीमियम के रूप में देना होगा. बाकी शेष प्रीमियम राशि 50-50 प्रतिशत के मान से केंद्र और राज्य की सरकार के जरिए वहन कर लिया जाएगा.
बारिश से होता है काफी नुकसान
बारिश के दिनों में जब तीन से चार दिनों तक मौसम पूरी तरह से खराब रहता है और आसमान में बदली छाई रहती है. तब इसके सहारे टमाटर, बैगन के अलावा लाल मिर्च की खेती को भी काफी नुकसान पहुंचता है. यहां मौसम की खराबी के कारण टमाटर की खेती करने वाले किसान टमाटर को मवेशियों को खिला देते है. इसकी बाजार में कीमत नहीं मिल पाती है. फसल बीमा योजना के दायरे में शामिल हो जाने के बाद किसानों को काफी राहत मिलेगी.
फलों के लिए भी मिलेगा राहत
राज्य शासन ने फल उत्पादक किसानों को राहत देने के लिएफसल बीमा योजना को पूरी तरह से लागू कर दिया है. मौसम के प्रतिकूल होने की दशा में ऐसे किसानों को रहात मिलेगी. इसके लिए आवेदन की तारीख 30 जुलाई तय कर दी गई है. किसानों को इससे काफी ज्यादा फायदा होने की उम्मीद है.
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टमाटर व मिर्च की खेती से हो रही लाखों की आय
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