मशरूम को एक स्वास्थ्यवर्धक भोजन है क्योंकि इसमें कम कैलोरी, उच्च प्रोटीन, आहार फाइबर, विटामिन और खनिज होते हैं. मशरूम अपने कम ऊर्जा मूल्य, फाइबर सामग्री और उच्च एंटीऑक्सीडेंट क्षमता के कारण पोषण की दृष्टि से वांछनीय हैं. ताजा कटे हुए मशरूम का अचल जीवन व्यापक स्थिति में सिर्फ 1-3 दिनों का होता है और इसे प्रशीतित (रेफ्रिजेरेटेड) स्थिति में 7-8 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है. ताजे कटे हुए मशरूम में नमी की मात्रा लगभग 85-90% होती है.
उच्च नमी के कारण इसमें यांत्रिक क्षति, माइक्रोबियल हमले, वजन घटने और एंजाइमी ब्राउनिंग जैसे कई समस्याएं आते हैं. इन सब कारणों के वजह से किसान इसे अधिक समय तक संग्रहीत नहीं कर पते है और ना ही इसे दूर की बाजार में बेच पाते हैं. जिससे उन्हें वो मुनाफा नहीं मिल पता जितना की मिलना चाहिए. मशरूम का भंडारण, परिवहन और विपणन किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती है. अतः खाद्य और पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उत्पादन से लेकर कटाई तक फसलोत्तर प्रसंस्करण आवश्यक है. यह उचित पूर्व-उपचार, पैकेजिंग, भंडारण और परिवहन द्वारा प्राप्त किया जा सकता है.
मशरूम की धुलाई करना
कटाई के बाद मशरूम की धुलाई एफवाईएम आधारित आवरण मिट्टी को हटाने के लिए की जाती है. लेकिन अगर मिट्टी के कण मौजूद नहीं हैं तो मशरूम को धोने की कोई जरूरत नहीं है. मशरूम की धुलाई के लिए हम 10 लीटर पानी में 5 ग्राम पोटेशियम मेटाबिसल्फाइट (केएमएस) का उपयोग करते हैं. मशरूम की धुलाई के लिए हम 0.5% कैल्शियम क्लोराइड (CaCl2), 0.5% KMS और 0.5% सोडियम क्लोराइड (NaCl) का उपयोग करते हैं. अन्यथा, 10 लीटर पानी में 5 ग्राम पोटैशियम मेटाबिसल्फाइट (KMS) या साइट्रिक एसिड (C₆H₈O₇) का भी उपयोग किया जा सकता है. बैक्टीरिया के विकास और रंग परिवर्तन को कम करने के लिए मशरूम की सतह से अतिरिक्त पानी को धोने के बाद हटा दिया जाना चाहिए.
मशरूम की पैकेजिंग करना
ताजा तोड़े गए मशरूम को 25 गेज पॉलिथीन बैग में बिना कोई छेद किए पैक किया जाता है. पैकिंग के तुरंत बाद उन्हें रेफ्रिजरेटर में 5°C पर संग्रहित किया जाता है. यह प्रक्रिया भंडारण जीवन को 3-5 दिनों तक बढ़ा देती है. यह प्रक्रिया श्वसन दर को कम करने और पानी के नुकसान को कम करने में मदद करती है. इसके अलावा, यह मशरूम के भूरेपन और बेस्वाद विकास को कम करता है.
आमतौर पर मशरूम को 200-400 ग्राम पैकेट में पैक किया जाता है ताकि यांत्रिक क्षति और उच्च श्वसन दर के कारण इसकी गुणवत्ता खराब न हो. मशरूम को अलग-अलग पैकेजिंग सामग्री में पैक किया जा सकता है जैसे छिद्रित पॉली-बैग, प्लास्टिक ट्रे, प्लास्टिक पनेट, फोम ट्रे.
पॉलीथिन या पॉलीप्रोपाइलीन पैक की मोटाई 0.5% वेंट (छेद) के साथ 100 गेज से कम होनी चाहिए. प्लास्टिक ट्रे या फोम ट्रे को अलग-अलग पारगम्य पीवीसी या पॉलीएसेटेट फिल्मों के साथ ऊपर से लपेटा जाता है जिससे अच्छे पैकिजींग के साथ ग्राहक को सामग्री कि गुणवत्ता कि पहचान भी कर सकें.
मशरूम का भंडारण करना
मशरूम के भंडारण के लिए तापमान और सापेक्षिक आर्द्रता महत्वपूर्ण कारक हैं. मशरूम को 7-10 दिनों के लिए पॉलीथीन की थैलियों में 4-5°C और 85-90% सापेक्ष आर्द्रता पर संग्रहीत किया जा सकता है. वेंट पॉलीथीन बैग में संग्रहीत मशरूम को 10-15°C और 85-90% सापेक्ष आर्द्रता के साथ 6-7 दिनों के लिए भण्डारण किया जा सकता है.
मशरूम को सुखाने और कैनिंग विधि से भी लंबे समय तक संग्रहीत किया जा सकता है. मशरूम को धूप, ओवन और वैक्यूम ड्रायर में सुखाया जा सकता है. मशरूम को सुखाने से पहले धोकर पानी निथार कर लगभग 1/2 इंच के टुकड़ों में काट लें. धूप में सुखाने के लिए मशरूम को 2-3 दिनों के लिए सुखाया जाता है. धूप में सुखाने के बाद, इसे 3 महीने तक स्टोर किया जा सकता है, हालांकि रंग भूरा हो सकता है और अंतिम उत्पाद अच्छा नहीं दिखता है. ओवन में मशरूम को सुखाने के लिए उपयुक्त तापमान 6-8 घंटे के लिए 60°C है. वैक्यूम ड्राइंग में पूर्व-उपचारित मशरूम को तुरंत वैक्यूम स्थिति में 40°C पर रखा जाता है. इस प्रक्रिया से बहुत अच्छी गुणवत्ता वाली मशरूम पैदा होती है लेकिन प्रसंस्करण की लागत बहुत अधिक होती है. बटन मशरूम के संरक्षण के लिए कैनिंग को बहुत बड़े पैमाने पर अपनाया जाता है. कैनिंग के प्रयोजन के लिए मशरूम की प्रारंभिक अवस्था में ही तुड़ाई कर लेनी चाहिए. प्रसंस्करण से पहले समान आकार के मशरूम का चयन किया जाता है और डंठल काट दिया जाता है.
मशरूम का परिवहन
परिवहन के दौरान, पूरे समय कम तापमान बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है. कोल्ड चेन के माध्यम से कम तापमान बनाए रखने से नुकसान में कमी आती है और मशरूम की गुणवत्ता बनी रहती है. यह एक अलग प्रकार कि शीतलन प्रणाली जैसे यांत्रिक प्रशीतन, बाष्पीकरणीय शीतलन, हाइड्रो-कूलिंग, आइस-बैंक या वैक्यूम कूलिंग द्वारा प्राप्त किया जा सकता है. कम दूरी तक परिवहन के दौरान मशरूम को ठंडा रखने के लिए, मशरूम के पॉलीपैक को लकड़ी के छोटे मामलों में या पॉलीपैक में पर्याप्त कुचल बर्फ के साथ बक्से में रखा जा सकता है. इसस प्रकार का परिवहन करने से इसकी बहुत काम बर्बादी होती है ओर इसे लंबे दूरी वाले बाजार में भी बेचा जा सकता है.
मशरूम का मूल्यवर्धित उत्पाद
मशरूम के स्वास्थ्य और पोषण संबंधी अत्यधिक लाभ हैं और यह अल्पपोषण और कुपोषण की कई समस्याओं का समाधान कर सकता है. इस तथ्य के बावजूद मशरूम की खेती और इसका उपयोग तेजी से नहीं बढ़ रहा है क्योंकि मशरूम अत्यधिक खराब होने वाले होते हैं. इस प्रकार मशरूम को मूल्य वर्धित उत्पादों में संसाधित करना महत्वपूर्ण है जो न केवल इंसानों की प्रोटीन और सूक्ष्म पोषक तत्वों की आवश्यकता को पूरा करेगा बल्कि साथ ही मशरूम के अल्प शेल्फ-जीवन और फसल के बाद के नुकसान की समस्या को भी हल करेगा. मशरूम को विस्तारित अचल जीवन के साथ मूल्य वर्धित उत्पादों में संसाधित करने के लिए कुछ प्रौद्योगिकियां निम्नलिखित हैं:
ड्राइड मशरुम
मशरूम के जल्दी खराब हो जाने के कारण इसे सुखाया जाता है ताकि इसे लंबे समय ताल इस्तेमाल किया जा सके. सूखे मशरूम ताजे जितने ही अच्छे होते हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि उनका उपयोग कैसे किया जाता है. ड्राइड मशरूम बनाने के लिए ताजे मशरूम को सबसे पहले साफ कर लें. यदि संभव हो, तो मशरूम से किसी भी गंदगी को पोंछने के लिए ब्रश या सूखे कागज़ के तौलिये का उपयोग करें. मशरूम को साफ करते समय उन्हें गीला होने से बचाना चहिए क्योंकि मशरूम के सूखने के दौरान या भंडारण के बाद पानी के कारण मशरूम पर अन्य प्रतिस्पर्धी कवक या फफूंदी पनप सकती है. उसके उपरांत मशरूम के छोटे टुकड़े किए जाते है. मशरूम का टुकड़ा जितना मोटा होगा, उन्हें सूखने में उतना ही अधिक समय लगेगा. सुखाने की प्रक्रिया को तेज़ करने के लिए, मशरूम को लगभग 1/8 इंच (0.3 सेमी) मोटे टुकड़ों में काटें. सूखने के बाद भी मशरूम में इतना स्वाद भरा होता कि वे किसी भी व्यंजन के लिए एक उत्कृष्ट अतिरिक्त होते है, लेकिन वे ताजे मशरूम की तुलना में बहुत कम समय में सूख जाएंगे. उसके बाद उन्हे धूप में या किसी प्रकार के ड्रायर (60ºC )में सुखाया जा सकता है. उपभोग से पहले ड्राइड मशरूम को पानी में डुबाकर पुनः भिगो कर इस्तेमाल किया जा सकता है.
मशरूम पाउडर
मशरूम पाउडर आम तौर पर मशरूम को सुखाकर और फिर उन्हें पीसकर पाउडर बनाकर बनाया जाता है, जिसे मसाला के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है या इसे पोषण संबंधी लाभों के लिए खाद्य पदार्थों में मिलाया जा सकता है. घर पर मशरूम पाउडर बनाने के लिए, विभिन्न प्रकार के मशरूम चुन सकते हैं. उदाहरण के लिए, आप ऑइस्टर, बटन, और मिल्की मशरूम के ले सकते हैं. अगला कदम उन्हें एक नम कपड़े या कागज़ के तौलिये से धीरे से साफ करना और किसी भी गंदगी या धूल को हटाना है. फिर, मशरूम को पतले-पतले टुकड़ों में काट लें और उन्हें सूती कपड़े पर एक परत में बिछा दें. उन्हें कुछ घंटों के लिए धूप में रखें, जब तक कि वे पूरी तरह से सूखे और कुरकुरे न हो जाएं. एक बार सूख जाने पर, मशरूम को मसाला का उपयोग करके पीस लें. सुनिश्चित करें कि वे बारीक पाउडर हैं. एक बार पाउडर तैयार हो जाने पर, मशरूम पाउडर को एक एयरटाइट कंटेनर में ठंडी, सूखी जगह पर रखें. मशरूम पाउडर में पाए जाने वाले पोषक तत्व इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करते हैं.
मशरूम सूप पाउडर
मशरूम सूप पाउडर तैयार करने के लिए सूखे मशरूम को बारीक पीस लें ताकि उसे 0.5 मिमी की छलनी से छान जा सके. उसके बाद मशरूम पाउडर (20 ग्राम), दूध पाउडर (25 ग्राम), मकई का आटा (40 ग्राम), नमक (8 ग्राम), चीनी (3 ग्राम), काली मिर्च (2g) और अजवायन की पत्ती (2g) को मिल लें. विशिष्ट सुगंध और स्वाद के साथ अच्छी गुणवत्ता वाला मशरूम सूप तैयार करने के लिए इस सूप मिश्रण को 6 गुना मात्रा में पानी के साथ मिलकर इस्तेमाल कर सकते हैं . मशरूम सूप पाउडर को सील पैक में रखने से इसे लंबे समय तक भंडारित किया जा सकता है. एक बार पैक खोलने के बाद, बचे हुए मिश्रण को रेफ्रिजरेटर में संग्रहित किया जाना चाहिए. इस सूप पोड़ेर को कभी भी और कहीं भी खाया जा सकता है. बेहतर स्वाद के लिए इसमे धनिया पत्ता, प्याज, लहसुन या अपने पसंद कि सब्जियां डाली जा सकती है.
मशरूम अचार
उच्च बाजार स्वीकार्यता वाले मूल्य वर्धित उत्पाद के रूप में मशरूम को संरक्षित करने के लिए मशरूम का अचार बनाना एक आसान घरेलू स्तर की प्रक्रिया है. मशरूम का अचार तैयार करने के लिए, एक किलोग्राम मशरूम को 0.03 से 0.05% KMS घोल में धोया जाता है और फिर 85°C पर 5 मिनट के लिए ब्लांच किया जाता है. उबले हुए मशरूम को ठंडे पानी में 2-3 बार धो लें और अतिरिक्त पानी निकाल दें. मशरूम को आकार के अनुसार आधा या चौथाई भाग में काटा जाता है. फिर एक किलो मशरूम को 20 ग्राम सोडियम क्लोराइड नमक के घोल में मिलाया जाता है और रात भर रखा जाता है. मशरूम से निकलने वाला अतिरिक्त पानी अगले दिन निकाल दिया जाता है. मशरूम को 2-3 घंटे तक सुखाने के बाद इसमे मसाले, नमक और तेल मिलाए जाते हैं. मिश्रण में ऊपर से गरम किया हुआ सरसों का तेल डालते हैं और चम्मच से मिलाते हैं फिर मसालों को सोखने और स्वाद बढ़ाने के लिए रात भर छोड़ देते हैं. अचार को प्लास्टिक/कांच के जार में ढक्कन बंद कर के रखना चहिए . अचार को छायादार स्थान पर रखा जाता है.
1 किलो मशरूम के लिए हमे विभिन्न मसालों की आवश्यकता होती है, जैसे हल्दी पाउडर (20 ग्राम), काली सरसों के बीज का पाउडर (35 ग्राम), लाल मिर्च पाउडर (10 ग्राम), जीरा पाउडर (1.5 ग्राम), अजवायन (10 ग्राम), कलौंजी (10 ग्राम), सौंफ़ बीज पाउडर (1.5 ग्राम), नमक (90 ग्राम) और सरसों का तेल (200 मिली). आप परिरक्षकों के रूप में अनुमत सीमा के भीतर एसिटिक एसिड (100 मिलीलीटर तक) और सोडियम बेंजोएट का भी उपयोग कर सकते हैं. इस अचार को हवा बंद बोतलों में एक साल तक रखा जा सकता है.
अंजलि सुधाकर, पूजा कुमारी, गौतम कुणाल, जगपाल, दिब्यांशु शेखर
कृषि विज्ञान केंद्र, जाले, दरभंगा, डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर
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