मल्टी लेयर फार्मिंग या मल्टी टियर फार्मिंग (Multi Layer Farming) एकीकृत इंटरक्रॉपिंग की एक बेहतरीन तकनीक है, जो एक समय में एक ही ज़मीन पर कई फसलों को उगाने में सक्षम है. बहुस्तरीय खेती मुख्य रूप से नकदी फसल पर आधारित है और इसमें सब्जियों, फलों व फूलों की खेती शामिल है.
मल्टी लेयर फार्मिंग क्यों (Why Multi Layer Farming)
कुछ आंकड़ों के मुताबिक, किसानों की एक बड़ी आबादी के पास खेती योग्य भूमि की मात्रा बहुत कम है, इसलिए इस तकनीक को अपनाकर किसान अपनी भूमि का अधिक से अधिक उपयोग कर सकते हैं. यही नहीं, वह एक ही ज़मीन पर एक ही समय में विभिन्न फसलों, सब्जियों, फलों और मेडिसिनल प्लांट को उगा सकते हैं. इससे छोटे, लघु और सीमांत किसानों को उच्चतम लाभ मिल सकेगा.
बहुस्तरीय खेती का उद्देश्य (Purpose of Multilayer Farming)
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कृषि भूमि, पानी, खाद और उर्वरकों का उचित उपयोग करना है.
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यह एक स्थायी कृषि प्रणाली है जिसमें किसान पूरे साल फसल लगा सकता है.
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इससे एक ही समय में अधिक उत्पादन हो सकेगा.
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इस तरह से एक ही ज़मीन पर अधिक पैदावार से किसानों की आय में बढ़ोतरी हो सकेगी.
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फसल-खरपतवार को कम करने के लिए ये बेस्ट है.
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मिट्टी के कटाव को कम करने के लिए इस तरह की खेती कारगर है.
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मिट्टी की बनावट और उर्वरता बनाए रखने के लिए मल्टी लेयर का इस्तेमाल किया जा सकता है.
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किसी भी कीट या रोग के प्रभाव को कम करने के लिए इस तरह की खेती उत्तम है.
बहुपरत खेती करने के लिए उठाए गए कदम (Steps taken for Multilayer Farming)
फसल का चयन (Crop Selection): उगाने के लिए विभिन्न फसलों का चयन किया जाता है. फसलों की ऊंचाई और परिपक्वता अवधि अलग-अलग होनी चाहिए.
खेत का चयन और तैयारी (Field Selection and Preparation): बहुस्तरीय खेती के लिए ज्यामितीय आकार (वर्ग और आयत) को अच्छी भूमि माना जाता है. जुताई, गुड़ाई, कम्पोस्टिंग जैसे विभिन्न कार्य किए जाने चाहिए. जुताई क्रिया की सहायता से एक अच्छी बीज क्यारी तैयार की जाती है.
बीज चयन एवं बीज उपचार (Seed Selection and Seed Treatment): अलग-अलग फसलों के बीज की बेहतर गुणवत्ता का चुनाव किया जाना चाहिए. बीज अच्छी क्वालिटी पर उच्च उपज वाला होना चाहिए. यदि बीज में कीटाणु हैं, तो उसे कीटाणुरहित करने के लिए बीज उपचार किया जाना चाहिए.
सिंचाई (Irrigation): पौधों के विकास के लिए सिंचाई एक महत्वपूर्ण पहलू है, इसलिए फसलों के लिए पानी का कृत्रिम उपयोग किया जाना चाहिए, क्योंकि पानी मृदा में पोषक तत्वों को घोलने के रूप में काम करता है. मल्टी लेयर खेती के मामले में सिंचाई का खासा ध्यान रखना चाहिए. इसमें ना ज्यादा पानी और ना ही कम पानी दिया जाता है. इस तरह की खेती में पानी की औसत मात्रा ज्यादातर पसंद की जाती है. इसमें रिंग बेसिन विधि सिंचाई के लिए अच्छी होती है.
खाद और उर्वरक (Manures and Fertilizers): फसलों में खाद और उर्वरक पौधे की वृद्धि और विकास के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. भिन्न-भिन्न फसलों में अलग-अलग मात्रा में पोषक तत्वों की जरूरत पड़ती है. इसलिए इसमें एफवाईएम, कम्पोस्ट, एनपीके को ज्यादातर अपनाया जाता है जो फसल वृद्धि में काफी हद तक मदद करते हैं.
निराई (Weeding): खेत में अनिष्ट पौधों को खत्म करने के लिए निराई का अपनाया जाता है. ऐसे में मल्टी लेयर फार्मिंग के तहत पौधों की निराई-गुड़ाई करने के लिए हाथ के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है. जहां खरपतवार को मिटाने के लिए खरपतवारनाशी का उपयोग करना चाहिए. वहीं कीटों को समाप्त करने के लिए कीटनाशकों का इस्तेमाल करना चाहिए.
कटाई और कटाई के बाद (Harvesting and Post Harvesting): फसलों से लाभकारी भाग को हटाना और उन्हें सुरक्षित स्थान पर स्टोर करना अहम चरण है.
पैकेजिंग और मार्केटिंग (Packaging and Marketing): इन्हें पैक करके आय के लिए बाजार में बेचा जाता है.
मल्टी लेयर खेती में कौन सी फसलों को चुनें (Which crops to choose in multi layer farming)
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आप नारियल के साथ कॉफी और काली मिर्च को उगा सकते हैं.
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इसके साथ ही आप नारियल के साथ केला और कॉफी को भी एक साथ बो सकते हैं.
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आप आम के साथ अमरूद और लोबिया को उगा सकते हैं.
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इसके अलावा, नारियल के साथ कटहल, कॉफी, पपीता और अनानास को चुन सकते हैं.
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अरहर के साथ मूंगफली और तिल की खेती करना भी सर्वोत्तम है.
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अरहर के साथ चावल और काला चना भी उगा सकते हैं.
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गन्ना के साथ सरसों और आलू सबसे बेस्ट अंतरफसल कॉम्बिनेशन है.
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भिंडी के साथ मूली, क्लस्टर बीन, चुकंदर भी उगा सकते हैं.
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पालक के साथ मूली और प्याज का अच्छा कॉम्बिनेशन है.
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सुरन के साथ खीरा और फूलगोभी उगा सकते हैं.
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मक्का के साथ हरा चना और मूंगफली भी बहुस्तर खेती में अच्छी उपज देते हैं.
मल्टी लेयर फार्मिंग किसानों के लिए मुनाफे का सौदा कैसे (How multi-layer farming is a profitable deal for farmers)
इसमें कोई दो राय नहीं कि बहुपरत खेती से किसानों को अत्यधिक मुनाफा हो सकता है क्योंकि जहां वो एक बार में एक ही फसल उगाते थे वहां अगर वो 3 से 4 फसल उगाना शुरू करेंगे तो मुनाफा भी उठना ही डबल (Farmer Double Income) होता जाएगा.
मौसम की मार के चलते फसलों को नुकसान हो पहुंचता है और वो पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं. नतीजतन, किसान पूरी फसल और निवेश खो देंगे, और यह गरीब किसानों के लिए विनाशकारी होगा. हालांकि, बहुस्तरीय खेती फसल की विफलता के चलते सरकार एक प्रकार का बीमा प्रदान करती है जिससे कीट और बीमारियों की घटनाओं में कमी आती है और बोनस उपज के रूप में अंतर फसलों से अतिरिक्त उपज लाभ मिलता है.
मल्टी लेयर खेती का वायुमंडल में योगदान (Contribution of multi-layer farming to the atmosphere)
मिश्रित व अंतरफसलों के रूप में उपयोग की जाने वाली फसलें वायुमंडलीय नाइट्रोजन (Nitrogen) को स्टेबल करने में मदद करती हैं, जो मिट्टी की उर्वरता (Soil Quality) को सुधारने में मददगार है. इसके अतिरिक्त, जहां आप एक साथ अधिक फसलें बो रहे हैं, ऐसे में अगर आपको बाज़ार में एक फसल का मूल्य नहीं मिल पता है तो दूसरी फसल उसकी पूरी भरपाई कर देगी. यह छोटे किसानों को घर के लिए खाद्य और पोषण सुरक्षा (Food and Nutrition Security) सुनिश्चित करते हुए पूरे साल विभिन्न मौसमी सब्जियां और बागवानी फसलों (Seasonal Vegetables and Horticultural Crops) को उगाने में मदद करता है, जिससे किसानों को अच्छा रिटर्न मिल पाता है.
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