अगर आप अदरक की खेती करना चाहते हैं, तो इसकी बुवाई के लिए मई से जून का माह सबसे उपयुक्त है. बता दें कि हमारे यहां प्राचीन काल से इसका उपयोग मसालों और औषधियों के रूप में होता रहा है. आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार भी अदरक सबसे प्रमुख बूटी है. कई तरह की बीमारियों जैसे- जोड़ों के दर्द, थकान, कमजोरी और आलस को दूर करने के लिए इसका सेवन किया जाता है.
देशभर में अदरक की मांग है, इसलिए किसानों के लिए इसकी खेती संभावनाओं से भरी हुई है. चलिए आज हम आपको बताते हैं कि कैसे आप वैज्ञानिक तरीके से इसकी खेती कर सकते हैं.
अदरक की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु
गर्म व आर्द्रता वाली जगह अदरक की खेती के लिए उपयुक्त है. इसकी अच्छी उपज के लिए करीब 1500 से 1800 मिलीमीटर, वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्रों का होना जरूरी है. अदरक को अधिक पानी की जरूरत नहीं होती, इसलिए जल निकास का प्रबंध होना जरूरी है.
अदरक की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी
अदरक की अच्छी पैदावार के लिए मिट्टी का चिकना और रेतला होना जरूरी है. लाल मिट्टी पर भी इसकी खेती आराम से हो सकती है. विशेषज्ञों की माने तो फसलों की वृद्धि के लिए 6-6.5 पी एच वाली मिट्टी उपयुक्त है. एक ही जमीन पर अदरक की खेती करने की जगह अलग-अलग जगह पर इसकी खेती की जाए, तो पैदावार अधिक मिलता है.
अदरक के खेत की तैयारी
खेतों में अनुशंसित मात्रा में गोबर की सड़ी खाद डालने के बाद देशी हल से 2 से 3 बार आड़ी-तिरछी जुताई कर लें. खेतों के समतल होने के बाद इन्हें छोटी-छोटी क्यारियों में बांटते हुए बीजों को बोने का काम करें. ध्यान रहे कि बीजों को बोने से पहले लगभग 0.25 प्रतिशत इथेन, 45 प्रतिशत एम और 0.1 प्रतिशत बाविस्टोन के मिश्रण में लगभग एक घंटे तक डुबोकर रखना जरूरी है.इसके बाद छाया में ही बीजों को सूखाने के बाद खेतों में लगभग 4 सेंटीमीटर गहरे गड्डे खोदकर बुवाई का काम शुरू कर देना चाहिए.
अदरक की फसल की सिंचाई
पहली सिंचाई बुवाई के तुरंत बाद होनी चाहिए, बाकि की सिंचाई आप जरूरत के अनुसार मिट्टी में नमी को देखते हुए कर सकते हैं.
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अदरक की फसलों की कटाई
अदरक की फसल 7 से 8 महीनों बाद कटाई के लिए तैयार हो जाती है. हालांकि अगर मसालों के लिए इसका उत्पादन किया जा रहा है, तो लगभग 6 माह बाद ही कटाई शुरू कर देनी चाहिए. लगभग 8 महीने बाद पत्तों का पीला होना और और पूरी तरह सूखने लगना इस बाद का संकेत है कि आपकी फसल पूरी तरह से कटाई के लिए तैयार हो गई है.
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