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बिहार के 23 जिलों में होगी 14 खास फसलों की खेती

बिहार सरकार मौसम और मिट्टी की उत्पादकता को देखते हुए कुल 23 जिलों में खास खेती की योजना को हरी झंडी दे दी है. यहां के जिले रोहतास में टमाटर की खेती को फोकस किया गया है. साथ ही समस्तीपुर और अररिया में हरी मिर्च, पूर्वी चंपारण में लहसुन की खेती को बढ़ावा देगा.इसके अलावा यहां के शेखपुरा और बक्सर में प्याज, भोजपुर जिले में छिमी, नालंदा में आलू, वैशाली के इलामें शहद, भागलपुर, दरभंगा, पटना और सहरसा में आम की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. जबकि किशनगंज में अनानास, शाही लीची के लिए समस्तीपुर, मुजफ्परपुर, सीतामढ़ी और शिवहर को चुना गया है. वही कटिहार और खगड़िया में केले की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. गया में पपीता और कैमूर में अमरूद की खेती होगी.

किशन
papita

बिहार सरकार मौसम और मिट्टी की उत्पादकता को देखते हुए कुल 23 जिलों में खास खेती की योजना को हरी झंडी दे दी है. यहां के जिले रोहतास में टमाटर की खेती को फोकस किया गया है. साथ ही समस्तीपुर और अररिया में हरी मिर्च, पूर्वी चंपारण में लहसुन की खेती को बढ़ावा देगा.इसके अलावा यहां के शेखपुरा और बक्सर में प्याज, भोजपुर जिले में छिमी, नालंदा में आलू, वैशाली के इलामें शहद, भागलपुर, दरभंगा, पटना और सहरसा में आम की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. जबकि किशनगंज में अनानास, शाही लीची के लिए समस्तीपुर, मुजफ्परपुर, सीतामढ़ी और शिवहर को चुना गया है. वही कटिहार और खगड़िया में केले की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. गया में पपीता और कैमूर में अमरूद की खेती होगी.

किसानों की आमदनी बढ़ाने की कवायद

सरकार का फोकस राज्य के किसानों की आमदनी को बढ़ाने का है. इसके लिए वह हर तरह के संभव प्रयास कर रहे है. यहां के चयनित 23 जिलों में हर जिले की फसल मुख्य परंपरागत फसल से अलग है. कलस्टर के माध्यम से यहां पर खेती की जाएगी. कृषि विभाग ने इसके लिए पांच सालों के लिए बिहार राज्य उद्यानिकी उत्पाद  विकास कार्यक्रम बनाया है. यहां चालू वित्त वर्ष 2019-20 से साल 2023-24 तक के लिए बनी हुई इस योजना में 16 करोड़ 67 लाख से ज्यादा खर्च होंगे. इस योजना से बेरोजगार महिलाओं और पुरूषों को भी जोड़ा जाएगा. इसके कलस्टर में किसानों का एक समूह भी बनेगा और सारे समूह पंजीकृत भी होंगे.

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उत्पादों की प्रोसेसिंग के लिए प्रशिक्षण

यहां पर समूह में किलानों को उत्पादों की प्रोसेसिंग और पैकिंग के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा. सभी कलस्टर में आवश्यक सुविधाओं से युक्त एक कॉमन फैसिलीटी सेंटर भी बनेगा. ताकि उत्पाद की मांग के अनुसार तैयार किया जा सके. समूह में खेती करने के साथ ही जूस, जैम, जैली, पाउडर आदि का भी तेजी से निर्माण होगा ताकि किसानों की ज्यादा से ज्यादा आमदनी हो सके. उत्पाद को अधिक समय तक रखने के लिए हर समूह में सौर ऊर्जा से चलने वाला एक कोल्ड स्टोरेज चैंबर बनेगा. यहां के कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार कहते है कि इस योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. लोगों को रोजगार मिलेगा. साथ ही समूह में खेती करने से लागत कम आएगी.

English Summary: Many districts of Bihar will grow different varieties of vegetables Published on: 07 September 2019, 02:45 PM IST

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