हाल ही में, मैंने देखा कि मेरे आम के वृक्ष फल नहीं दे रहे थे। इन्हें लगाये हुए 25 साल के ऊपर हो गया था। आम की बागवानी बहुत लाभदायक होती है। आम की फसल अक्टूबर से जून तक के बीच में ली जाती है। अक्टूबर से दिसम्बर के बीच में फूलों का आगमन होता है तथा जनवरी से मार्च के बीच में छोटे-छोटे आम पेड़ पर आ जाते हैं। अप्रैल से जून के बीच में फसल की कटाई की जाती है।
आम के पेड़ जब पुराने हो जाते है तो फसल की पैदावार कम होने लगती है तथा कई बार फल दो वर्षीय में एक बार आते हैं। साथ ही फल की गुणवत्ता पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। आम छोटे रूप में आने लगते हैं तथा आम कई बार पकने से पहले ही टूट कर झड़ जाते हैं। ऐसे में आम को पुनः उपयोगी बनाने के लिये आम के पेड़ पर कई सारे अनुसंधान किये गये हैं। पहला आम के पेड़ की कटाई और छटाई की जाए। आम के पेड़ की पुरानी टहनियों को काट दिया जाता है। नई टहनियों पर आम फिर से फल देने लगते हैं। इस प्रक्रिया को दिसंबर से जनवरी के बीच में किया जाता है। अनुत्पादक बाग का चयन करें, फिर 3-6 प्रमुख अंगों पर 30 से0मी0 स्टेटस रखते हुए शाखाओं को चिह्नित करें। छाल को फटने से बचाने के लिये तेज आरी से अंगों को साफ कर देना चाहिये। आधार से ऊपर की ओर सिर काटना शुरू करे।
गाय के गोबर का घोल या कॉपर ऑक्सीक्लोराइड पेस्ट (15 लीटर पानी में 2 किलो कॉपर सल्फेट घोले, 2-3 लीटर पानी में 3 किलो तेज चूना मिलाएं और फिर बचा हुआ 12-13 लीटर पानी डाले) घोल कटे हुए भाग पर लगाये।
पेड़ को दोबारा फल देने में 3-4 वर्ष का समय लगता है। परन्तु फल फिर से गुणवत्ता रहित होते हैं तथा पेड़ हर साल फल देना शुरू कर देते हैं।
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अनुशी1, सत्यार्थ सोनकर1, नितिन कुमार चौहान1 एवं कृपा शंकर यादव1
1शोध छात्र, फल विज्ञान विभाग, चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (CSAUAT), कानपुर (उ. प्र.) 208002
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