देश में बैंगन की खेती अधिक ऊंचाई वाले स्थानों को छोड़कर लगभग सभी क्षेत्रों में प्रमुख सब्जी की फसल के रूप में की जाती है. इसकी खेती में उन्नत किस्मों की अहम भूमिका रहती है. बैंगन की एक ऐसी किस्म है, जिससे अब सालभर खेती की जा सकती है. इससे न स्वाद बदले, बल्कि उत्पादन भी दोगुना मिलेगा. इस किस्म को बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने साल 2019 में विकसित किया था. इस किस्म से सर्दियों के साथ गर्मियों में भी इसकी खेती होगी. आश्चर्य की बात यह है कि इस किस्म से 42 डिग्री तापामन तक पौधों में फल लगेंगे. इस नई किस्म का नाम सदाबहार रखा गया है.
बैंगन की सदाबहार किस्म की खासियत
जानकारी के लिए बता दें कि देश की कुल खपत का लगभग 9 प्रतिशत सब्जी का उत्पादन बिहार में होता है. वैज्ञानिकों की नई शोध वाला बैंगन का रंग हरा है. इसके फल हरे रंग की धारियों वाले होते हैं. बता दें कि एक बैंगन का औसत वजन लगभग 85 से 88 ग्राम है. इसके एक पौधे में 23 से 26 फल लगते हैं. अगर कुल उत्पादन की बात की जाए, तो यह वर्तमान में प्रचलित किस्मों से काफी अधिक होगा. गर्मी के मौसम में इससे प्रति हेक्टेयर लगभग 270 क्विंटल उत्पादन मिल सकता है. मगर सर्दियों के मौसम में उसकी उत्पादकता 440 से 480 क्विंटल होगी.
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हर परिस्थिति के लिए सक्षम है किस्म
वैज्ञानिकों का कहना है कि बैंगन की नई किस्म के पौधे क्षेत्र की हर परिस्थिति को सहने में सक्षम हैं. इसके साथ ही सबसे खास बीमारी फल और तना छेदक के प्रति सहिष्णु है. इस किस्म में बीज बहुत कम होते हैं. इसका स्वाद पहले से भी बेहतर है. इस किस्म की कुल घुलनशील ठोस पदार्थ 2.30 डिग्र्री ब्रिक्स है. इसके अलावा चीनी की मात्रा लगभग 2.56 प्रतिशत ही है. यह किस्म एंटीऑक्सिडेंट से समृद्ध है. इससे शरीर को अतिक्ति विटामिन मिल पाएगा.
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