देश में सब्जी उत्पादन के तहत बैंगन की खेती हर राज्य में होती है, इसलिए इसको एक बेहतर व्यवसाय के रूप में देखा जाता है. किसानों को इसकी खेती की अच्छी जानकारी होनी चाहिए, ताकि इसकी अधिकतम पैदावार प्राप्त की जा सके. बता दें कि बैंगन की खेती को सफल बनाने के लिए कई संकर और उन्नत किस्मों को विकसित किया गया है. इसकी मदद से किसान फसल से अधिकतम पैदावार प्राप्त कर सकता है. किसान ध्यान दें कि उन्हें अपने स्थानीय क्षेत्रों की प्रचलित किस्मों का ही चुनाव करना चाहिए. हम किसान भाईयों को बता दें कि बैंगन की दो प्रकार की किस्में उपलब्ध होती हैं.
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सामान्य उन्नतशील किस्में
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संकर किस्में
इन किस्मों में भी दो वर्ग के फलों की किस्में उपलब्ध होती हैं. पहली लंबे फल वाली और दूसरी गोल फल वाली किस्में. इसके अलावा कुछ रोग अवरोधी किस्में भी पाई जाती हैं. आइए आपको बैंगन की संकर और उन्नत किस्मों के बारे में बताते हैं, साथ ही विशेषताओं और पैदावार की जानकारी भी देते हैं.
बैंगन की उन्नत किस्मों की विशेषताएं और पैदावार
पंजाब सदाबहार- बैंगन की इस किस्म के पौधे सीधे खड़े होते हैं, जो लगभग 50-60 सेंटीमीटर ऊंचे होते हैं. इनकी पत्तियां हरी, फल लंबे, चमकदार और गहरे बैंगनी रंग के होते हैं. इस किस्म के फलों की लंबाई 18-20 सेंटीमीटर होती है. इनकी मोटाई 3.5-4.0 सेंटीमीटर होती है. इसकी खासियत है कि इस किस्म के फलों पर छेदक कीट का खतरा कम होता है. इस किस्म से प्रति हेक्टेयर 30-40 टन की पैदावार मिल सकती है.
पूसा क्रान्ति- इसकी बुवाई बसंत और सर्दी, दोनों मौसम में करना उपयुक्त माना जाता है. इसके फल गहरे बैंगनी रंग के होते हैं. इनकी लंबाई ज्यादा या कम नहीं होती है. यह मध्यम लंबाई के ही होते है. इससे प्रति हेक्टेयर 30 टन की पैदावार मिल सकती है.
पूसा उत्तम 31- इस किस्म की बुवाई में पहली तुड़ाई के लिए 80-90 दिन लग जाते हैं. पूसा उत्तम 31 के फल अण्डाकार गोल चमकदार के दिखाई देते हैं, साथ ही इनका रंग गहरा बैंगनी का होता है. यह उत्तरी मैदानी और पश्चिमी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त मानी गई है, जो कि प्रति हेक्टेयर 43 टन की पैदावार दे सकती है.
पंत सम्राट- इस किस्म की बुवाई करने के बाद फल लगभग 70 दिन बाद तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते हैं. पौधे 80-120 सेंटीमीटर ऊंचाई के होते हैं, साथ ही फल लंबे और रंग गहरा बैंगनी होता है. इनका आकार मध्यम रहता है. इस किस्म की बुवाई प्रति हेक्टेयर 30 टन तक की पैदावार दे देती है.
बैंगन की संकर किस्मों की विशेषताएं और पैदावार
काशी संदेश- इस संकर किस्म के पौधे मध्यम ऊंचाई के होते हैं, जिनकी पत्तियां हल्के बैंगनी रंग की दिखाई देती हैं. इनके फल का आकार गोल, चमकदार और रंग बैंगनी होता है. फलों की लंबाई 20-24 सेंटीमीटर की होती है और मोटाई लगभग 8 सेंटीमीटर की होती है. इस किस्म से प्रति हेक्टेयर 60-70 टन पैदावार मिल सकती है.
अर्का नवनीत- इसके फल का रंग बैंगनी होता है, जो कि गोल औऱ चमकीले दिखाई देते हैं. इस किस्म के फलों में गुदा ज्यादा और बीज कम लगते हैं. इसके फल का औसत वजन 350-400 ग्राम का होता है. इससे प्रति हेक्टेयर 60-65 टन तक पैदावार मिल सकती है.
पूसा हाईब्रिड 5- इस संकर किस्म से पौधों की बढ़वार काफी अच्छी होती है. बैंगन के फलों की लंबाई मध्यम और रंग गहरा बैंगनी होता है. इसकी बुवाई करने के बाद फल पहली तुड़ाई के लिए लगभग 80-90 दिन में तैयार हो जाते हैं. इसकी बुवाई कर्नाटक, केरल, आन्ध्र प्रदेश और तमिलनाडु में ज्यादा होती है. इससे प्रति हेक्टेयर 50-65 टन पैदावार मिल जाती है.
पूसा हाईब्रिड 6- इस संकर किस्म के पौधे सीधे खड़े होते हैं, जिनके फल गोल, चमकदार और काफी आकर्षक होते हैं. इनका रंह बैंगनी होता है. हर फल का वजन लगभग 200 ग्राम तक होता है. इस किस्म की बुवाई करके प्रति हेक्टेयर 40-60 टन पैदावार प्राप्त की जा सकती है.
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