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Basmati Varieties: बासमती चावल की ये 3 किस्में किसानों को कम समय में देंगी ज़्यादा उत्पादन और मुनाफा

Basmati Varieties: अगर आप भी बासमती चावल की खेती से अच्छी आमदनी करना चाहते हैं, तो इन उन्नत किस्मों को अपनाकर लाभ कमा सकते हैं. धान की ये तीन उन्नत किस्में कम समय, कम लागत और अधिक उत्पादन के साथ किसानों के लिए खेती को फायदे का सौदा बना सकती हैं.

लोकेश निरवाल
बासमती धान की टॉप 3 किस्में: कम समय में ज्यादा मुनाफा देने वाली है ये वैरायटी
बासमती धान की टॉप 3 किस्में: कम समय में ज्यादा मुनाफा देने वाली है ये वैरायटी (Image Source: Freepik)

Basmati Rice Varieties: अगर आप बासमती चावल की खेती करते हैं या करना चाहते हैं, तो आपके लिए यह खबर बेहद काम की है. बासमती चावल की मांग भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी काफी ज्यादा है. इसकी सुगंध, स्वाद और पकने पर आकार में दोगुना होने की खासियत इसे खास बनाती है. यही वजह है कि बासमती चावल की खेती किसानों को अच्छा मुनाफा दिला सकती है.

भारत में बासमती चावल/Basmati Rice की कई किस्में उगाई जाती हैं, लेकिन आज हम आपको बासमती की टॉप 3 उन्नत किस्मों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो उत्पादन, गुणवत्ता और लाभ के लिहाज से सबसे बेहतरीन मानी जाती हैं. ये किस्में हैं – पूसा बासमती 1718, पूसा बासमती 1509 और जया (भारत का गौरव) है. आइए इन उन्नत किस्मों के बारे में यहां विस्तार से जानें...

बासमती की टॉप 3 उन्नत किस्मे/ Top 3 Basmati Varieties

1. पूसा बासमती 1718 (Pusa Basmati 1718)

यह किस्म बासमती उत्पाद श्रेणी (GI टैग) में शामिल है और पूसा बासमती 1121 का एक उन्नत संस्करण है, जो बैक्टीरियल ब्लाइट बीमारी से बचाव में सक्षम है.

  • पकने में समय: करीब 135 दिन
  • उत्पादन क्षमता: औसतन 46.4 क्विंटल/हेक्टेयर
  • विशेषता: यह देश की विदेशी मुद्रा अर्जित करने वाली टॉप बासमती किस्मों में से एक है.
  • उपयुक्त क्षेत्र: दिल्ली, पंजाब और हरियाणा

2. पूसा बासमती 1509 (Pusa Basmati 1509)

इसे भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR) द्वारा विकसित किया गया है. यह कम समय में पकने वाली बासमती किस्म है.

  • पकने में समय: करीब 115 दिन (1121 की तुलना में 30 दिन पहले)
  • उत्पादन क्षमता: औसतन 41.4 क्विंटल/हेक्टेयर
  • खासियत: कम ऊंचाई, कम सिंचाई की जरूरत (3-4 सिंचाई की बचत), और गेहूं की खेती की तैयारी के लिए समय मिल जाता है.

3. जया किस्म – भारत का गौरव (Jaya – Pride of India)

जया किस्म को चमत्कारी चावल के रूप में जाना जाता है. यह एक अर्ध-बौनी किस्म है और किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है.

  • पकने में समय: लगभग 130 दिन
  • उत्पादन क्षमता: करीब 5 टन/हेक्टेयर
  • विशेषता: अधिक उत्पादन और कम लागत में बेहतर लाभ
English Summary: Kharif Season Crop Top 3 varieties of Basmati rice cultivation paddy crop give profit in less time Published on: 19 June 2025, 03:06 PM IST

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