1. Home
  2. खेती-बाड़ी

नवाचार और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से मिलेगा फार्मिंग 3.0 के दौर को बढ़ावा

जिस देश की दो-तिहाई आबादी अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर करती है, वहां कृषि के महत्व को कमजोर करके नहीं आंका जा सकता. देश के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 17 फीसदी कृषि से आता है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस पर देश के 1.3 अरब लोगों का पेट भरने का जिम्मा है.

जिस देश की दो-तिहाई आबादी अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर करती है, वहां कृषि के महत्व को कमजोर करके नहीं आंका जा सकता. देश के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 17 फीसदी कृषि से आता है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस पर देश के 1.3 अरब लोगों का पेट भरने का जिम्मा है.

पिछले कुछ दशकों से कृषि का क्षेत्र विकास के कई चरणों से गुजरा है. पहला चरण, जिसे फार्मिंग 1.0 के रूप में जाना जाता है, 1947 से 1966 तक फैला हुआ है. इस दौर की क्रांतिकारी विशेषता भूमि सुधार थे, जिन्होंने शोषक जमींदारी प्रणाली को खत्म कर दिया. दूसरा चरण फार्मिंग 2.0 का है, जिस दौरान हरित क्रांति हुई, जिसने भारत की कृषि उत्पादकता में कई गुना वृद्धि की और विदेशी खाद्य सहायता पर हमारी निर्भरता से हमें छुटकारा दिलाया. यह कृषि के इतिहास का एक सुनहरा दौर था. इन सबकी बदौलत आज हम एक खाद्य सुरक्षित राष्ट्र है.

आज फिर से भारत की खेती एक महत्वपूर्ण पड़ाव पर आ पहुंची है. बढ़ती हुई आबादी इस क्षेत्र पर लगातार दबाव बना रही है. इतना ही नहीं, हमारा देश तेजी से औद्योगिकीकरण की तरफ बढ़ रहा है और आबादी शहरों में जा रही है. कृषि आय गिर रही है और देश की खेती वाली जमीन खतरे में है, कृषक खेती से मुंह मोड़ रहा है.

ऐसे में एक और क्रांति की आवश्यकता महसूस हो रही है, जिसे भारतीय कृषि में एक नए चरण के रूप में अभिनव और प्रौद्योगिकी द्वारा परिभाषित किया जाएगा, एक ऐसा दौर जहां हम सामाजिक और पर्यावरणीय विचारों के साथ उत्पादकता और अर्थशास्त्र को संतुलित होते हुए देखेंगे. यह दौर, हमारे खेतों और हमारे किसानों की समृद्धि के लिए अभूतपूर्व उत्पादकता के एक युग के रूप में शुरू हो रहा है. हम इस क्रांति को अपने खेतों में लाने में जुटे हैं, जिसे फार्मिंग 3.0 के रूप में पहचाना जा रहा है. यह स्मार्ट फार्म मशीनरी, माइक्रो सिंचाई, प्रेसिजन फार्मिंग, डिजिटल प्लेटफॉर्म और पार्टनरिंग स्टोकहोल्डर्स जैसे नवाचारों से जुड़ी है.

स्मार्ट फार्म मशीनरी, कम लागत पर अधिक उत्पादन से संबंधित है. स्मार्ट मशीनों और तकनीकी नवाचारों में कम लागत पर उत्पादन और कृषि आय को बढ़ावा देने की क्षमता है.

सूक्ष्म सिंचाई से किसान को मौसमी मानसून की अनियमितता से मुक्ति मिल जाती है, वहीं भारत के सीमित जल संसाधनों का भी संरक्षण होता है. कृषि में भारत में कुल नवीकरणीय जल संसाधनों का लगभग 80 प्रतिशत उपभोग कृषि में होता है, ऐसे में फसल के रूट क्षेत्र में सीधे पानी देने वाली सूक्ष्म सिंचाई प्रथाओं को अपनाने से जहां हमारे बहुमूल्य जल भंडार को बचाने में मिलेगी, वहीं उपज और   कृषि उत्पादकता बढ़ेगी.

प्रेसिजन फार्मिंग एक और नवाचार है! यह कृषि प्रबंधन का एक दृष्टिकोण है जो फसलों, मिट्टी, मौसम इत्यादि के बारे में मौजूदा समय डेटा तक पहुंचने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करता है ताकि फसलों और मृदा को वांछित स्वास्थ्य और उत्पादकता के लिए आवश्यकतानुसार अधिकतम समर्थन प्राप्त हो सके.

डिजिटल प्लेटफार्मों में किसानों को सीधे उपभोक्ता के संपर्क में रखने की क्षमता है. इससे जमे-जमाए बिचौलिए, सिस्टम से बाहर हो जाएंगे और किसानों को उनके उत्पादन के लिए पूर्ण और उचित मूल्य मिलेगा. जैसे सरकार फलों और सब्जियों को बेचने के लिए नेशनल इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म यानी ईएनएएम कृषि की एपीएमसी यानी एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटीज के तहत लाने के लिए कुछ राज्यों के साथ काम कर रही है. डिजिटलीकरण में देश भर के किसानों को एक-दूसरे के अलावा कृषि विशेषज्ञों के संपर्क में लाने और उत्पादकता को बढ़ावा देने की शक्ति है.

पार्टनरिंग स्टोकहोल्डर्स या सहयोगी हितधारकों के एक व्यापक तंत्र के साथ सहयोग करने और कृषि की वर्तमान और आने वाली चुनौतियों के समाधान के लिए उन्हें शामिल करने के बारे में है. इसमें कृषि कॉलेजों, अनुसंधान संस्थानों, वैज्ञानिकों, वाणिज्यिक निवेशकों, अनुदान देने वाले संगठनों, प्रमुख प्रभावों, सरकार और स्वाभाविक रूप से जनता के साथ काम करना शामिल है.

स्थिरता से स्थायित्व के इर्दगिर्द घूमने वाली फार्मिंग 3.0 कृषि की कहानी को बदल रही है. मेरा मानना है कि किसान समुदाय के साथ एक मजबूत जुड़ाव के साथ इस नई क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए कृषि हितधारकों का सूक्ष्म सिंचाई, फसल देखभाल, उन्नत बीज और डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसी प्रमुख प्रौद्योगिकियों में निवेश करना महत्वपूर्ण रहेगा. मेरा मानना है कि प्रौद्योगिकी और नवाचार से फार्मिंग 3.0 की क्रांति को बढ़ावा मिलेगा, जिससे किसानों की आय दोगुनी करने सहित फार्मटेक समृद्धि जैसे विजन को फलीभूत होने के मौके मिलेंगे.

 

अशोक शर्मा

एमडी और सीईओ, महिंद्रा एग्री सॉल्यूशंस लिमिटेड

English Summary: Innovation and Artificial Intelligence will get the boost of Farming 3.0 Published on: 07 September 2018, 07:38 AM IST

Like this article?

Hey! I am . Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News