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Wheat Varieties: ICAR द्वारा विकसित गेहूं की ये किस्में देती हैं प्रति हेक्टेयर 86.4 क्विंटल तक उपज, जानें अन्य विशेषताएं

Wheat Varieties: देश की प्रमुख फसल गेहूं को माना जाता है और भारत के कई राज्यों के किसान गेहूं की विभिन्न किस्मों की बुवाई करते हैं। ऐसे में इस रबी सीजन में अगर किसान (ICAR) द्वारा विकसित गेहूं की किस्मों HD 3388 और DBW377 की खेती करते हैं, तो वे 86.4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक की बेहतरीन उपज प्राप्त कर सकते हैं।

KJ Staff
wheat farming
गेहूं की ये किस्में देंगी प्रति हेक्टेयर 86.4 क्विंटल तक पैदावार (Image Source - Freepik)

भारत में गेहूं की बुवाई बड़े पैमाने पर की जाती है। इसका मुख्य कारण है कि गेहूं के आटे की मांग बाजारों में काफी अधिक रहती है, क्योंकि इसका उपयोग मीठे पकवानों से लेकर चपाती बनाने तक किया जाता है। गेहूं में विटामिन B का भी अच्छा स्रोत पाया जाता है, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। अगर किसान इस रबी सीजन में गेहूं की इन उच्च गुणवत्ता वाली किस्मों HD 3388 और DBW377 की खेती करते हैं, तो वे बाजार में इन्हें बेचकर बेहतर आमदनी अर्जित कर सकते हैं।

गेहूं की दो उत्तम किस्में

  1. DBW377

भारत में गेहूं की खेती को “सोने की खेती” कहा जाता है क्योंकि अधिकांश किसान इसे प्रमुख फसल के रूप में अपनाते हैं। किसान हमेशा ऐसी किस्मों की तलाश में रहते हैं जो कम समय और कम लागत में अधिक पैदावार दें।

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR) द्वारा विकसित गेहूं की किस्म DBW377 किसानों के लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकती है। इस किस्म की बुवाई के 125 से 135 दिनों के भीतर किसान 86.4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक की उपज प्राप्त कर सकते हैं।

इस किस्म की प्रमुख विशेषताएं हैं:

  • पत्थर और भूरी रतुआ रोगों तथा करनाल खंड के प्रति प्रतिरोधक।

  • कम पानी की उपलब्धता में भी अच्छी उपज देने वाली।

यह किस्म विशेष रूप से निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है–

  • मध्य प्रदेश

  • छत्तीसगढ़

  • गुजरात

  • उत्तर प्रदेश का बुंदेलखंड डिवीजन

  • राजस्थान का कोटा क्षेत्र

  1. HD 3388

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR) समय-समय पर किसानों के लिए ऐसी फसलें विकसित करता रहता है जिनसे उन्हें अधिक उत्पादन और मुनाफा प्राप्त हो सके। हाल ही में विकसित गेहूं की किस्म HD 3388 किसानों के लिए लाभदायक साबित हो रही है।

इस किस्म की प्रमुख विशेषताएं हैं:

  • यह जल्दी पकने वाली किस्म है, जो लगभग 125 दिनों में तैयार हो जाती है।

  • किसानों को 52 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक की उपज प्रदान करती है।

  • यह किस्म गर्मी सहन करने में सक्षम है, जिससे किसान गर्मी या सर्दी दोनों मौसमों में इसकी बुवाई कर सकते हैं।

  • इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होने के कारण कीटनाशकों का कम उपयोग होता है।

  • कम समय और कम लागत में अधिक पैदावार देने वाली किस्म।

यह किस्म विशेष रूप से निम्नलिखित राज्यों के किसानों के लिए उपयुक्त है–

  • पूर्वी उत्तर प्रदेश

  • बिहार

  • झारखंड

  • पश्चिम बंगाल

  • ओडिशा

  • असम के सिंचित क्षेत्र

English Summary: ICAR new wheat varieties will give yield up to 86.4 quintals per hectare Published on: 08 November 2025, 02:59 PM IST

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