सिरका एक ऐसा प्रिजर्वेटिव है जिसका उपयोग खानपान की वस्तुएं बनाने में किया जाता है. लोगों की बदलती जीवन शैली में सिरका की अहमियत और बढ़ गई है लेकिन इसमें मुश्किल यह है कि बाजार में सिंथेटिक सिरका ही ज्यादा मिलता है लेकिन अब लोग इसके साइड इफेक्ट के प्रति जागरूक हो रहे हैं. सिंथेटिक सिरका खाद्य वस्तुओं के प्रीजर्वेशन का काम तो करता है मगर इसका साइड इफेक्ट भी होता है. इन सबके बावजूद फलों से बना सिरका बाजार में ज्यादा जगह नहीं बना पा रहा है.
लुधियाना की पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी ने किसानों को फलों से बना सिरका बनाने की विधि बनाकर उन्हें आमदनी का एक और जरिया मुहैया कराने की पहल की है. फलों के रस से बनने वाला सिरका किसान 22 दिन में तैयार कर बाजार में बेचकर अच्छी आमदनी हासिल कर सकते है. यह सिरका सिंथेटिक सिरके के मुकाबले कहीं ज्यादा सेहतमंद है. गन्ने के रस से सिरका बनाया जा सकता है जिसकी लागत तकरीबन 25 रुपए प्रति बोतल आती है जबकि किसान इसे आसानी से 35 से 40 रुपए में स्थानीय बाजार में दुकानदारों को बेच सकते हैं. जिससे किसान अच्छा खासा पैसा भी कमा सकते सकते हैं. गन्ने के अलावा सेब, अंगूर से भी सिरका तैयार किया जा सकता है.
सिरका बनाने की विधि (Method of making vinegar)
10 लीटर सिरका तैयार करने के लिए 10 लीटर गन्ने के रस को उबाल लिया जाता है. सिरका बनाने के लिए इसमें खमीरन और एक अन्य खास किस्म का बैक्टीरिया मिलाने की जरूरत होती है. यह खमीरन भी गुड से ही तैयार होता है इसमें कोई केमिकल नहीं होता. खमीरन डालकर इसे खमीर बनने के लिए छोड़ दिया जाता है. ठंडा होने के लिए रस में 1 दिन बाद खमीर मिलाया जाता है. इसके बाद इस जूस को तीन-चार दिन के लिए एक ऐसी जगह रख दिया जाता है जहां का तापमान 25 से 30 डिग्री के बीच हो. इसके बाद इसे छानकर साफ बर्तन में निकाल लिया जाता है और छठे दिन इसमें विशेष बैक्टीरिया वाला तरल पदार्थ थोड़ी मात्रा में डाला जाता है. साथ ही इसमें पुराना तैयार सिरका की कुछ मात्रा भी मिला दी जाती है. इसके बार इस प्रक्रिया को 7 दिन तक फिर से चलने दिया जाता है. 14वें दिन इस पर झिल्ली बन जाती है जिसे हटा कर ठंडे स्थान पर रख दिया जाता है. इस प्रकार 22वें दिन सिरका तैयार हो जाता है, जिसे उपयोग में लाया जा सकता है. इस सिरके को साफ काँच की या प्लास्टिक की बोतल में स्टोर किया जाता है.
गन्ना रस से सिरका बनाने का खर्चा (The expense of making vinegar from sugarcane juice)
इस प्रक्रिया में 10 लीटर सिरका बनाने में करीब 250 रुपए का खर्चा लगता है. जिसमें लगभग 50 रुपए का गन्ने का रस, खमीरन की बोतल 150 रुपए की, 10 बोतल की कीमत करीब 30 रुपए, रस उबालने के लिए ईंधन खर्च 20 रुपए पड़ता है. बाजार में बिक रहे मौजूदा सिरका सिंथेटिक होता है, जिसे काफी लोग सीधे ही एसिड को हल्का कर तैयार कर लेते हैं. जिससे सेहत को काफी नुकसान पहुंचता है जबकि रस से तैयार सिरका सेहतमंद होता है. इस सिरके का उपयोग आचार बनाने, भोजन की सुरक्षा आता सलाद में किया जाता है. सिरके की कम मात्रा का उपयोग करना चाहिए.
सिरके का फायदा (Advantage of vinegar)
सिरके (विनेगर) में कई प्रकार के विटामिन, एंजाइम, प्रोटीन और लाभदायक बैक्टीरिया मौजूद होते हैं जो शरीर के उपापचय (मेटाबोलिजम) को अधिक क्रियाशील बनाते है. शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल का कम करने में सहायक है जिससे दिल से जुड़ी कई बीमारियों से बचाव होता है. विनेगर में ऐसे गुण होते हैं जो हानिकारक टॉक्सिन को बाहर निकालकर लीवर को साफ़ करता है और लीवर की कार्यक्षमता बढ़ाता है. इसके अलावा सिरके के उपयोग से पाचन संबन्धित समस्याओं से आराम मिल जाता है. पेट फूलने या अपच जैसी समस्याओं से राहत मिलती है.
सिरका का उपयोग कैसे करें (How to use vinegar)
भोजन के आधा घण्टे पहले या एक घण्टे बाद इसका उपयोग किया जा सकता है. इसके लिए एक गिलास पानी में 1-2 चम्मच सिरके को मिलाकर पिया जा सकता है. अधिक एसिड (अम्लीय) होने के कारण इसका उपयोग सीधे नहीं किया जा सकता, इसे सलाद या सब्जी में लगा कर खाया जाता है. सलाद में थोड़ा सा छिड़क कर इसका उपयोग किया जा सकता है. खट्टे फलों जैसे- नींबू, संतरा आदि के साथ मिलाने से एसिड की मात्रा बढ़ जाती है जो शरीर को नुकसान पहुंचा देता है. इसका उपयोग अचार या खाने पीने की कुछ ख़ास चीजों को लम्बे समय तक खराब होने से बचाने के लिए किया जाता है क्योंकि सेब का सिरका बैक्टीरिया को खत्म करने में असरदार होता है.
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