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ऐसे करें उड़द की खेती... होगा फायदा

खरपतवार फसलों को अनुमान से ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं. अत: अच्छे उत्पादन के लिए समय-समय पर निराई-गुड़ाई कुल्पा व डोरा आदि चलाते हुए अन्य आधुनिक नींदानाशक का समुचित उपयोग करना चाहिए.

डॉ. अलका जैन
Urad Cultivation
Urad Cultivation

उड़द की खेती में सामान्यत: सिंचाई की बहुत अधिक आवश्यकता नहीं होती है. हालंकि वर्षा के अभाव में फलियों के बनते समय सिंचाई करनी चाहिए. इसकी फसल को 3 से 4  बार सिंचाई की जरूरत पड़ती है.

पहली सिंचाई पलेवा के रूप में और बाकि की सिंचाई 20 दिन के अंतराल पर होनी चाहिए.

निराई-गुड़ाई

खरपतवार फसलों को अनुमान से ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं. अत: अच्छे उत्पादन के लिए समय-समय पर निराई-गुड़ाई कुल्पा व डोरा आदि चलाते हुए अन्य आधुनिक नींदानाशक का समुचित उपयोग करना चाहिए. नींदानाशक वासालिन 800 मिली से 1000 मिली प्रति एकड़ 250 लीटर पानी में घोल बनाकर जमीन बखरने से पूर्व नमी युक्त खेत में छिडक़ने से अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं.

उड़द बीज का राइजोबियम उपचार

उड़द के दलहनी फसल होने के कारण अच्छे जमाव पैदावार व जड़ों में जीवाणुधारी गांठों की सही बढ़ोत्तरी के लिए राइजोबियम कल्चर से बीजों को उपचारित करना जरूरी होता है. एक पैकेट (200 ग्राम) कल्चर 10 किलोग्राम बीज के लिए सही रहता है. उपचारित करने से पहले आधा लीटर पानी का 50 ग्राम गुड़ या चीनी के साथ घोल बना लें. उसके बाद कल्चर को मिलाकर घोल तैयार कर लें. अब इस घोल को बीजों में अच्छी तरह से मिलाकर सुखा दें. ऐसा बुवाई से 7-8 घंटे पहले करना चाहिए.

इसे पढ़िए -उड़द की उन्नत खेती कर कमाएं बेहतर मुनाफा, जानिए सही तरीका

उड़द में खरपतवार नियंत्रण बेहद जरूरी

वर्षाकालीन उड़द की फसल में खरपतवार का प्रकोप अधिक होता है जिससे उपज में 40-50 प्रतिशत हानि हो सकती है. रसायनिक विधि द्वारा खरपतवार नियंत्रण के लिए वासालिन 1 किग्रा प्रति हैक्टेयर की दर से 1000 लीटर पानी के घोल का बुवाई से पूर्व खेत में छिडक़ाव करें. फसल की बुवाई के बाद परंतु बीजों के अंकुरण से पूर्व पेन्डिमिथालीन 1.25 किग्रा 1000 लीटर पानी में घोलकर छिडक़ाव करके खरपतवार पर नियंत्रण किया जा सकता है. अगर खरपतवार फसल में उग जाते हैं तो फसल बुवाई 15-20 दिन की अवस्था पर पहली निराई तथा गुड़ाई खुरपी की सहायता से कर देनी चाहिए तथा पुन: खरपतरवार उग जाने पर 15 दिन बाद निराई करनी चाहिए.

उड़द के फसल चक्र और मिश्रित खेती

वर्षा ऋतु में उड़द की फसल प्राय: मिश्रित रूप से मक्का, ज्वार, बाजरा, कपास व अरहर आदि के साथ उगती हैं. उड़द के साथ अपनाए जाने वाले साधन फसल चक्र इस प्रकार हैं:

सिंचित क्षेत्र :  उड़द-सरसों, उड़द-गेहूं
असिंचित क्षेत्र : उड़द-पड़त-मक्का, उड़द-पड़त-ज्वार

English Summary: How to do Urad Cultivation Published on: 14 May 2022, 05:40 PM IST

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