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कपास की फसल में पक्षियों द्वारा किट नियंत्रण कैसे करें?

कपास हमारे देश की एक प्रमुख नकदी फसल है. औद्योगिक एवं निर्यात की दृष्टि से देखा जाये तो कपास हमारे देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. कपास की खेती में जितना महत्व जलवायु, मिट्टी, खेती की तैयारी, किस्म, बीज मात्रा, बीजों का उपचार, बुवाई, सिंचाई का होता है, उतना ही महत्व खरपतवार, रोग और कीट के नियंत्रण का भी होता है.

स्वाति राव
cotton disease
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कपास हमारे देश की एक प्रमुख नकदी फसल है. औद्योगिक एवं निर्यात की दृष्टि से देखा जाये तो कपास हमारे देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. कपास की खेती में जितना महत्व जलवायु, मिट्टी, खेती की तैयारी, किस्म, बीज मात्रा, बीजों का उपचार, बुवाई, सिंचाई का होता है, उतना ही महत्व खरपतवार, रोग और कीट के नियंत्रण का भी होता है.

अगर खेती में कीट के नियंत्रण पर ध्यान न दिया जाए, तो इसका सीधा प्रभाव फसल की पैदावार पर पड़ने लगता है. लेकिन क्या आपको पता है कि कपास की फसलों पर कीट को नियंत्रण करने के लिए पक्षी एक अहम भूमिका निभाती है. तो आइये हम अपने इस लेख में आपको बताते हैं पक्षियों द्वारा कैसे कीट को नियंत्रण किया जाये. जानने के लिए पढ़िए इस लेख में. 

पक्षियों की तकनीक से कीट नियंत्रण करने की प्रक्रिया – (The Process Of Controlling Pests With The Technique Of Birds)

कपास की फसल में कीट नियंत्रण करने के लिए पक्षी एक एहम भूमिका निभाते हैं. इसके लिए किसान भाई  पक्षियों को आकर्षित करने के लिए कपास के खेत में टी आकार का एंटीना लगाते हैं. जहाँ ये पक्षी टी आकार का एंटीना पर बैठते हैं और कपास की फसल से हानिकारक कीड़े और लार्वा उठाते हैं. इस प्रयोग से हमारी कपास की लगभग 20-30 प्रतिशत फसल कीड़ों और लार्वा द्वारा नियंत्रित होती है 

कपास फसल का उत्पादन में  कितना प्रतिशत योग दान – (What Is The Percentage Contribution In The Production Of Cotton Crop?)

1. घरेलू उत्पाद में इसका योगदान 3 प्रतिशत है

2. औद्योगिक उत्पाद में 14 प्रतिशत

3. रोजगार उपलब्धता में 18 प्रतिशत

4. निर्यात में लगभग 30 प्रतिशत

इस राज्य में होती है कपास का अधिक उत्पादन – (There Is More Production Of Cotton In This State)

भारत में सबसे ज्यादा कपास उत्पादन गुजरात में होता है . कपास की रूई का प्रयोग वस्त्र या कपड़े बनाने में किया जाता है.

1. कपास, कपड़ा या वस्त्र उद्योग के लिए अति महत्वपूर्ण है. यह लोगों को बड़ी संख्या रोज़गार भी प्रदान करता है. एक टन कपास 5 या 6 लोगों को वर्ष भर का रोजगार प्रदान करता है.

2. कपास की खेती पूरे विश्व में होती है और एक टन कपास से औसत पांच लोगों को पूरे वर्ष भर रोजगार प्राप्त होता है. कपास सूखारोधी फसल है. विश्व के केवल 2.1 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि में कपास की खेती होती है, लेकिन यह विश्व की वस्त्र जरूरतों के 27 प्रतिशत को पूरा करती है.

3. वर्तमान समय में कपास की खेती एक बहुत बड़े क्षेत्रफल में हो रही है. कपास की मांग दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है.

भारत में कपास की वर्तमान स्थिति – (Current Status Of Cotton In India)

1. कपास, भारत की प्रमुख वाणिज्यिक फसलों में से एक है और यह लगभग 6.00 मिलियन कपास कृषकों को आजीविका प्रदान करती है.

2. भारत कपास का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है और विश्व में कपास का सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है.

3. भारत प्रति वर्ष लगभग 6.00 मिलियन टन कपास का उत्पादन करता है जो विश्व कपास का लगभग 23 प्रतिशत है.

4. भारत विश्व की कुल जैविक कपास ऊपज के लगभग 51 प्रतिशत का उत्पादन करता है जो वहनीयता की दिशा में भारत के प्रयासों को प्रदर्शित करता है.

ऐसी ही फसल से सम्बंधित जानकारी जानने के लिए जुड़े रहिये कृषि जागरण हिंदी पोर्टल से .

English Summary: how to control insect pests in cotton crop Published on: 21 August 2021, 08:30 PM IST

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