लाल मिर्ची, हरी मिर्ची. पीली मिर्ची, काली मिर्ची, शिमला मिर्ची ना जाने कितने ही प्रकार की मिर्ची बाजार में आ चुकी है. हर मिर्ची का जायका अलग- अलग है. हर मिर्ची विविध व्यंजनों का जायका बढ़ाती है. इस लेख में पढ़ें हाइब्रिड मिर्चियों के बारे में विशेष जानकारियां.
हाइब्रिड मिर्ची की किस्में
हाइब्रिड मिर्ची का वर्गीकरण उनको प्रयुक्त करने के आधार पर मसालें वाली किस्म, अचार वाली किस्म, सब्जी वाली मिर्च के रूप में किया गया है.
मसाले वाली किस्में:
इन मिर्चीयों का इस्तेमाल मसाले बनाने के लिए किया जाता है. बाजार में इन मिर्चीयों की मांग अधिक रहती है. इन मिर्चीयों में मुख्यत: निम्न किस्में शामिल है.
- पूसा ज्वाला,
- पन्त सी- 1,
- एन पी- 46 ए,
- जहवार मिर्च- 148,
- कल्याणपुर चमन,
- भाग्य लक्ष्मी,
- आर्को लोहित,
- पंजाब लाल,
- आंध्रा ज्योति
- जहवार मिर्च- 283
अचार वाली किस्में:
इन मिर्चीयों का इस्तेमाल अचार बनाने के लिए किया जाता है,जिसमें मुख्यत: निम्न किस्में सम्मिलित है.
- केलिफोर्निया वंडर,
- चायनीज जायंट,
- येलो वंडर,
- हाइब्रिड भारत,
- अर्का मोहिनी,
- अर्का गौरव,
- अर्का मेघना,
- अर्का बसंत,
- सिटी,
- काशी अर्ली,
- तेजस्विनी,
- अर्का हरित और
- पूसा सदाबहार (एल जी- 1)
सब्जी वाली मिर्ची
इन मिर्चीयों का उपयोग मुख्यत: सब्जियां बनाने में किया जाता है, जिसमें मुख्यत:
- अर्का मोहिनी,
- अर्का बसंत,
- आर्को गौरव
- इन्दिरा
विशेष हाइब्रिड मिर्चीयां
हाइब्रिड मिर्चीयों के बारे कुछ विशेष जानकारियां इस प्रकार है
पुसा ज्वाल
सामान्यत: इससे सूखी मिर्ची प्राप्त की जाती है. इसका पौधा बौना, मध्यम तीक्ष्णता वाले हल्के हरे फल, 9 से 10 सेंटीमीटर लम्बे होते है. आमतौर पर यह पकने के बाद लाल रंग में तब्दील हो जाती है. प्राय: इसका इस्तेमाल सूखी मिर्चीयों के रूप में किया जाता है.
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