इसमें कोई संदेह नहीं है कि उद्यानिकी उत्पादन का देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान है इसके साथ ही किसानों की आर्थिक समृद्धि की बढ़ोतरी करने में भी उद्यानिकी की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता वर्तमान में सरकार लगातार कोशिश कर रही है कि किसानों की आय किस प्रकार से दुगनी की जाए इसके लिए जरूरी है कि किसान यदि विविधीकरण की ओर बढ़ते हैं तो निश्चित रूप से उनका उत्पादन भी बढ़ेगा और आए भी अच्छी होगी इसलिए अब आवश्यकता इस बात की है कि वह सफल खेती के रूप में उद्यानिकी से संबंधित फसलों को अपनाएं जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी.
वर्तमान में उद्यानिकी से संबंधित उद्योग निर्यात के पहलू से भी जुड़ गए हैं. भारत में भले ही उद्यान की उत्पादों का विश्व में अमेरिका और ब्राजील के बाद तीसरा नंबर वह लेकिन जहां तक अन्य राज्यों की बात की जाए अभी भी हमारे देश में उद्यान की उत्पादों की सूची में वह काफी नीचे नजर आते हैं इसे जरूरत इस बात की है कि नई तकनीकों का सहयोग लेकर किसानों के यहां अधिक से अधिक उद्यान की से संबंधित पौधों को प्रमोट करना होगा जिससे यहां पर किसानों की आय आसानी से दुगनी की जा सके.
गौरतलब है कि कई राज्यों में फल उत्पादन के लिए मौसमी स्थितियां तथा सभी प्रकार की भूमि उपलब्ध है जिसके परिणाम स्वरूप उद्यान की विकास को वर्तमान की तुलना में और भी अधिक गतिशील बनाया जा सकता है फलोत्पादन विकास के नाम पर कोई विशेष पहल नहीं की जा रही है देखा जाए तो ध्यान की एक ऐसा क्षेत्र है जिसके अंतर्गत फलों के अलावा साग सब्जी मसाले जड़ी बूटियां सभी तरह की खेती व्यापक पैमाने से की जा सकती है
वर्तमान में राजस्थान मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ तथा उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में स्वतंत्र रूप से उद्यानिकी विभाग कार्य कर रहे हैं लेकिन राजस्थान में जहां मसालों की खेती पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है वहीं छत्तीसगढ़ में नया राज होने के कारण उद्यान की विकास के पुरजोर प्रयास किए जा रहे हैं.
उद्यानिकी को और अधिक बढ़ावा देने के लिए अभी से तैयारी शुरू करनी पड़ेगी क्योंकि यदि अभी से व्यापक स्तर पर नर्सरी लगाकर फल वाले वृक्षों की तैयारी की जाएगी तभी जुलाई में जाकर अच्छी नर्सरी किसानों तक पहुंच सकती है इसके अलावा किसानों को नर्सरी लगाने हेतु प्रोत्साहित करने एवं सब्सिडी देने की व्यवस्था भी की जानी चाहिए.
राज्यों में उद्यानिकी फसलों की गुणवत्ता के आधार पर निर्यात क्षेत्र को बढ़ावा दिया जाना बहुत जरूरी है इस दिशा में कई जिले इसका उदाहरण बन सकते हैं वहां किसानों द्वारा किए गए प्रयास मील के पत्थर साबित हो रहे हैं लेकिन इससे पूर्व की किसानों को निर्यात मुखी उद्यानिकी विकास हेतु प्रोत्साहित किया जाए उन्हें उनके उत्पादन के समय विपणन ऋण सुविधा सलाह मार्गदर्शन दिया जाना आवश्यक है जब तक किसान कोल्ड स्टोरेज और प्रसंस्करण यूनिट की सुविधा से वंचित रहेंगे कितनी सी योजनाएं बनाई जाती रहें कोरे आश्वासनों पर किसान उद्यान की विकास को व्यापक पैमाने पर अपनाने में हमेशा हिचकी चाता रहेगा
इसलिए आवश्यकता इस बात की है इस बार उद्यानिकी विभाग तथा राज्य सरकारों को इस हेतु सकारात्मक कदम उठाते हुए किसानों को यथोचित सुविधाएं दी जाएं जिससे कि आगामी वर्ष में और सीजन में किसान उद्यान की की तरफ रुख करते हुए फलदार वृक्षों के अधिक से अधिक रोपण कर सके और अपनी आय में इजाफा कर सकें.
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