आजकल खेती करने के तौर-तरीके बदलने लगे हैं. खेती अपने परंपरागत प्रतिमानों से निकलकर बाहर आ गई है. खेती में कई तरह के नवाचार हो रहे हैं, ताकि न केवल किसान गुणवत्ता वाली फसलें उत्पन्न कर सकें बल्कि अच्छा मुनाफा भी कमा सके.
बढ़ रहा है संरक्षित खेती का चलन
संरक्षित खेती का चलन इन दिनों बहुत बढ़ गया है. इसमें किसान फसलों की प्रकृति समझकर उनके अनुसार ही वातावरण को नियंत्रित करते हुए खेती करते हैं. इससे महंगी फसलों की खेती भी आसानी से की जा सकती है. इसके लिए ऐसा वातावरण तैयार किया जाता है कि मौसम का कोई प्रभाव नहीं पड़ता. चाहे गर्मी हो या ठंड खेती अप्रभावित ही रहती है.
मांग के अनुसार होती है फसलों की खेती
संरक्षित खेती नए तरह की कृषि की तकनीक है. इसमें किसान फसलों की मांग के अनुसार वातावरण को नियंत्रित करते हुए फसलों के लिए वातावरण तैयार कर सकता है. इस तरह के वातावरण में फसलों पर धूप, छांव, गर्मी और ठंडक का बिल्कुल भी असर नहीं पड़ता है.
हरियाणा सरकार दे रही है सब्सिडी
गौरतलब है कि हरियाणा सरकार ऐसी तकनीक अपनाकर संरक्षित खेती करने के लिए किसानों को 10 से 50 लाख रुपए तक की सब्सिडी देने की घोषणा कर चुकी है.
किसानों के लिए बहुत बढ़िया है ये योजना
सब्सिडी पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर दी जाएगी. जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव से खेती को दूर रखने के लिए सरकार ने नवीनतम तकनीकों का प्रयोग करते हुए किसानों को प्रोटेक्टेडफार्मिंगटेक्निक्स अपनाने को प्रेरित किया है,ताकि उनकी आजीविका बढ़ सके और किसान उत्साहित होकर खेती कर सकें. यही कारण है कि हरियाणा सरकार संरक्षित खेती को अपनाने पर किसानों को अच्छी खासी सब्सिडी दे रही है.
कैसे की जाती है सुरक्षित तरीके से खेती
सुरक्षित खेती एक नवीन कृषि प्रणाली है. इसमें किसान इस तरह का वातावरण तैयार करके खेती करते हैं कि बारिश, श गर्मी या ठंड का कोई फर्क नहीं पड़ता और प्राकृतिक आपदाओं से भी फसल बची रहती है.
हाइड्रोपोनिक तकनीक भी है शामिल
सबसे अच्छी बात यह है कि हरियाणा सरकार की सब्सिडी योजना में आज प्रचलित एडवांस तकनीक हाइड्रोपोनिक तकनीक भी शामिल की गई है. इससे योजना काफी विस्तृत हो गई है. योजना के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया बेहद आसान है.
आप https://hortnet.gov.in/पर जाकर आसानी से आवेदन कर सकते हैं. यह ध्यान रहे लाभार्थियों का चयन पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किया जाना तय किया गया है .
क्या होगा फायदा
नेट हाउस व ग्रीन हाउस जैसी नवीनतम तकनीक से युक्त पॉलीहाउस, लो टनल, हाई टनल, ड्रिपइरिगेशन और प्लास्टिक मल्चिंग जैसी नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल करके खेती की जाती है.
यही कारण है कि इस तरह की खेती के जरिए किसान प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं. यदि फल - फूल और सब्जियों को उनके लिए उपयुक्त वातावरण प्रदान कर दिया जाए तो पैदावार 4 से 5 गुना बढ़ जाती है और मुनाफा भी. यही कारण है कि किसान इस पद्धति से खेती करने के लिए आतुर हैं और ऐसे में हरियाणा सरकार की सब्सिडी योजना ने सोने पर सुहागा का काम किया है.
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