चना एक प्रमुख दलहनी फसल है जिसकी बुआई रबी सीजन में की जाती है. इस समय चने की बुआई को एक महीने का समय बीत चुका है और कुछ महीनों बाद इसकी फसल पक जाएगी. इसके बाद इसकी कटाई और भंडारण की आवश्यकता पड़ती है. गौरतलब है कि दलहनी फसलों के भंडारण की उपयुक्त व्यवस्था करना पड़ती है. यह नमी की अधिकता के कारण खराब हो जाता है. तो आइए जानते हैं चने की फसल की कटाई और भंडारण कैसे करना चाहिए.
चने की खेती के लिए सिंचाई (Irrigation for Gram Cultivation)
भारत में चने की खेती सिंचित और असिंचित दोनों क्षेत्रों में की जाती है. सिंचित क्षेत्र के लिए पलेवा करके इसकी बुआई की जाती है. इसके बाद इसमें सिंचाई की आवश्यकता नहीं पड़ती है. लेकिन यदि आपके पास सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था है तो बुआई के 30 से 40 दिनों इसमें एक सिंचाई कर देना चाहिए. जिससे इसकी पैदावार में इजाफा हो जाता है.
चने की खेती के लिए खरपतवार नियंत्रण Weed control for gram farming
अच्छी पैदावार के लिए चने की फसल की सही समय पर निराई गुड़ाई करना बेहद आवश्यक है. बुआई के 30 से 40 दिनों के बाद खेत की अच्छे से निराई गुड़ाई कर दें. वहीं खरपतवार नियंत्रण के लिए पेंडीमेथालिन 30 ई.सी. को 2-5 लीटर की मात्रा में घोलकर छिड़काव करें. वहीं जिन क्षेत्रों में घास अधिक है वहां क्यूजालोफोप इथाईल 5.0 ई.सी. का छिड़काव करना चाहिए.
चने की फसल के लिए कटाई (Harvesting for gram crop)
जब फसल पककरसुखने लगे तब इसकी कटाई करना चाहिए. कटाई के बाद इसकी मड़ाई की जाती है. वहीं इसे आप थ्रेसर में भी निकाल सकते हैं. दरअसल, चने की फसल अच्छी तरह सूख जाने के बाद इसे खलियान में इकट्ठा करके दाने और भूसे को अलग किया जाता है.
चने की फसल के लिए भंडारण (Storage for gram crop)
बता दें कि चने की फसल नमी की अधिकता होने पर ख़राब हो जाती है. वहीं इसमें अन्य दलहनी फसलों की तरह घुन अधिक लगता है इसलिए इसे अच्छी तरह सुखाकर उपयुक्त जगह भंडारित करना चाहिए.
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