
Cardamom Farming: भारत में मसालों का एक अलग ही महत्व है. हर एक भारतीय रसोई में मसालों की महक का स्वाद अलग ही होता है. इलायची को तो 'मसालों की रानी' कहा जाता है. इसका स्वाद और खुशबू भोजन, मिठाई, पेय और आयुर्वेदिक दवाओं में खूब इस्तेमाल होता है. यही वजह है कि भारतीय बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है. ऐसे में अगर किसान सही तरीके से इलायची की खेती/ Cultivation of Cardamom करें, तो यह एक बार का निवेश बनकर कई सालों तक लगातार मुनाफा दे सकती है.
आइए आज के इस आर्टिकल में हम इलायची की खेती से जुड़ी कुछ अहम जानकारी के बारे में जानते हैं, जिससे खेती करने में काफी हद तक सहायता मिलेगी.
क्यों करें इलायची की खेती? (Why Cultivate Cardamom?)
- बाजार में दमदार कीमत: इलायची की कीमत 1,000 रुपए से 2,500 रुपए प्रति किलो तक जाती है, जो क्वालिटी के हिसाब से तय होती है.
- लंबी अवधि तक कमाई: एक बार लगाने के बाद इलायची के पौधे 10 से 15 साल तक उपज देते हैं.
- हर मौसम में मांग: घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी डिमांड हमेशा बनी रहती है.
कैसे करें इलायची की खेती? (How to cultivate cardamom?)
- जलवायु और मिट्टी
- उष्णकटिबंधीय इलाकों में 10°C से 35°C तापमान और 1500-4000 मिमी बारिश जरूरी.
- लाल दोमट, लैटेराइट या काली मिट्टी जिसमें पीएच 5 से 7.5 हो, सबसे उपयुक्त मानी जाती है.
- इलायची को छांव पसंद है, इसलिए 50-60% छाया जरूरी होती है.
- भूमि की तैयारी
- खेत की गहरी जुताई करें और समतल बनाएं.
- जल निकासी का सही इंतजाम करें.
- जैविक खाद मिलाकर मिट्टी की उर्वरता बढ़ाएं.
- पौधा लगाना
- मानसून के दौरान (जुलाई में) पौधारोपण सबसे बेहतर होता है.
- बड़े पौधों के लिए 2.5x2 मीटर और छोटे पौधों के लिए 2x1.5 मीटर की दूरी रखें.
- पौधे प्रकंद या कलम से लगाएं, बीज से उगाने में ज्यादा समय लगता है.
- सिंचाई
- गर्मियों में हर 15 दिन में सिंचाई करें.
- मानसून में जरूरत के अनुसार ही पानी दें.
- ड्रिप सिंचाई से पानी की बचत और अच्छी नमी मिलती है.
- खाद और उर्वरक
- जैविक खाद जैसे गोबर की खाद (10-15 टन/हेक्टेयर) डालें.
- मिट्टी की जांच कर नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश जैसे उर्वरक इस्तेमाल करें.
- कटाई और प्रोसेसिंग
- पौधे 2-3 साल में फल देने लगते हैं.
- पकने पर फलियां तोड़ें और धूप या ड्रायर में सुखाएं.
- सुखाने के बाद छंटाई करके बेचने के लिए तैयार करें.
कितना हो सकता है मुनाफा?
- प्रति हेक्टेयर 400 से 800 किलो तक सूखी इलायची का उत्पादन.
- अगर भाव 1,500 रुपए प्रति किलो मानें, तो 6 लाख रुपए से 12 लाख रुपए तक की आमदनी.
- लागत घटाने के बाद शुद्ध मुनाफा 3 लाख रुपए से 5 लाख रुपए तक हो सकता है.
सरकार से मिलती है क्या मदद?
इलायची की खेती से अच्छा लाभ पाने के लिए किसानों को Spices Board तकनीकी मदद और आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जाती है. इसके अलावा, किसानो को राष्ट्रीय बागवानी मिशन (NHM) के तहत पौधारोपण, सिंचाई और भंडारण पर सब्सिडी मिलती है. इस सुविधा से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए किसान अपने जिले के बागवानी विभाग या मसाला बोर्ड के दफ्तर से संपर्क कर सकते हैं.
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