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पूर्वांचल के किसान दूसरी फसलों के साथ करें नारियल की खेती, होगा डबल मुनाफा

उत्तर प्रदेश का पूर्वांचल क्षेत्र नारियल की खेती के लिए मुफीद है. यहां किसान दूसरी फसलों के साथ नारियल की खेती करके डबल मुनाफा पा सकते हैं. यहां के नारियल विकास बोर्ड ने प्रदेश के गोरखपुर जिले के किसानों को नारियल की खेती करने का सुझाव दिया है. बोर्ड ने बेलीपार स्थित कृषि विज्ञानं केंद्र के जरिये यहां के स्थानीय किसानों को नारियल के पौधे वितरित किए हैं. साथ ही किसानों को बताया जा रहा कि क्षेत्र की आबोहवा नारियल की खेती के लिए अनुकूल है. इसलिए किसान अपनी अन्य फसलों के साथ नारियल की खेती भी करें. इसके लिए बोर्ड ने बड़े पैमाने पर किसानों के बीच पहल शुरू कर दी है.

श्याम दांगी
coconut

उत्तर प्रदेश का पूर्वांचल क्षेत्र नारियल की खेती के लिए मुफीद है. यहां किसान दूसरी फसलों के साथ नारियल की खेती करके डबल मुनाफा पा सकते हैं. यहां के नारियल विकास बोर्ड ने प्रदेश के गोरखपुर जिले के किसानों को नारियल की खेती करने का सुझाव दिया है. बोर्ड ने बेलीपार स्थित कृषि विज्ञानं केंद्र के जरिये यहां के स्थानीय किसानों को नारियल के पौधे वितरित किए हैं. साथ ही किसानों को बताया जा रहा कि क्षेत्र की आबोहवा नारियल की खेती के लिए अनुकूल है. इसलिए किसान अपनी अन्य फसलों के साथ नारियल की खेती भी करें. इसके लिए बोर्ड ने बड़े पैमाने पर किसानों के बीच पहल शुरू कर दी है. 

दोहरी फसलों की खेती

किसानों को नारियल की खेती के प्रति जागरूक करने  पौधे वितरण के साथ गोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है. अयोध्या के आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एपी राव का कहना है कि पूर्वांचल के किसानों के लिए नारियल की खेती वरदान साबित होगी. इससे किसानों की आमदानी में इजाफा होगा. किसान नारियल की मेड़ पर अन्य फसलें लगाकर दोहरा लाभ कमा सकते हैं. राव ने सुझाव दिया है कि नारियल यदि पूरे खेत में लगाए जा रहे हैं तो किसान अन्य फसलों में सूरन, हल्दी और लोबिया लगा सकते हैं. 

नारियल की खेती की बढ़ी मांग

प्रो. राव का कहना है कि पूर्वांचल क्षेत्र में हरे नारियल मांग दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. दरअसल, हरे नारियल का पानी हैल्थ के लिए फायदेमंद होता है. यह आइसोटोनिक पेय है जो पाचन तथा उत्सर्जन तंत्र को स्वस्थ रखता है. नारियल पानी का इलेक्ट्रोलाइट संतुलन रक्त के लेवल का होता है. वहीं नारियल की गरी भी बेहद स्वादिष्ट और पौष्टिक आहार है. इसके रेशे और तेल का बढ़े पैमाने पर प्रयोग किया जाता है. इस वजह से नारियल की मांग हमेशा बनीं रहती है.

कितना उत्पादन होता है

भारत में देश के 21 राज्यों के अलावा 3 केंद्र शासित प्रदेशों में नारियल की खेती की जाती है. पूर्वांचल के किसानों को उन्नत किस्म का नारियल बीज उपलब्ध कराया जा रहा है. उत्पादन की बात की जाए तो प्रति एकड़ 10600 नारियल की पैदावार हो सकती है. जिसे बेचकर किसान अच्छा मुनाफा ले सकते हैं. इसके अलावा किसान नारियल की खेती के बीच अन्य खेती कर सकते हैं. इस वजह से किसानों का मुनाफा डबल हो जाता है. प्रो. राव का कहना है कि पूर्वांचल क्षेत्र की मिट्टी नारियल की खेती के लिए अनुकूल मानी गई है. इसलिए किसान इससे अच्छा उत्पादन ले सकते हैं. 

English Summary: gorakhpur city do coconut cultivation with other crops for profit Published on: 26 October 2020, 01:44 PM IST

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