
खरीफ सीजन की फसलों की कटाई के बाद किसानों ने रबी सीजन की सब्जियों की बुवाई शुरू कर दी है। वहीं, किसान अगर ग्लैडियोलस फूलों की अलग-अलग किस्मों - पूसा सिन्दूरी, पूसा शांति और पूसा रजत की खेती करें, तो उनकी कमाई में शानदार वृद्धि हो सकती है। अक्टूबर से नवंबर का मौसम इन फूलों की किस्मों के लिए उपयुक्त माना जाता है।
ग्लैडियोलस फूलों की किस्में
- पूसा सिन्दूरी
पूसा सिन्दूरी, ग्लैडियोलस के फूल की एक उन्नत किस्म है जो किसानों के लिए काफी लाभदायक साबित हो सकती है। इसकी अगेती किस्में 60-65 दिनों में फूल देना शुरू कर देती हैं। वही मध्यम और पछेती किस्में 80 से 110 दिनों में तैयार हो जाती हैं। वही, दिल्ली-एनसीआर और उत्तरी मैदानी इलाकों के किसान इसकी खेती कर सकते हैं. प्रति पौधा लगभग 3.33 कॉर्म, और प्रति मदर कॉर्म से लगभग 67.77 पौधे उत्पन्न होते हैं। वही, प्रति एकड़ 40,000 से 1,25,000 स्पाइक्स तक की पैदावार संभव है।
मुख्य विशेषताएं:
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लंबी स्पाइक (98.77 सेमी), जिसमें अधिक संख्या में फूल होते हैं।
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कटे फूलों का उपयोग गुलदस्तों, फूलदानों और जापानी सजावट शैलियों में किया जाता है।
- पूसा रजत
ग्लैडियोलस की यह किस्म सिंचित खुले मैदानों के लिए उपयुक्त मानी जाती है, खासकर जहां हल्की जलवायु और अच्छी धूप हो। इसकी खेती के लिए उचित जल निकासी और अच्छी जलधारण क्षमता वाली रेतीली दोमट मिट्टी की जरूरत होती है. प्रति स्पाइक 20 से अधिक फूल, प्रति पौधा औसतन 3.33 पौधे, और प्रति पौधा 65–70 से अधिक कॉर्म प्राप्त होते हैं.
मुख्य विशेषताएं:
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104 से 108 दिनों में फूल देना शुरू कर देती है।
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फूलों का रंग सफेद (NN 155 B) होता है।
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उपयोग: विभिन्न अवसरों व सजावट के लिए उपयुक्त।
- पूसा शांति
पूसा शांति किस्म विशेष रूप से दिल्ली-एनसीआर और उत्तरी मैदानी इलाकों के लिए उपयुक्त है। खेती के लिए हल्की जलवायु व अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी की आवश्यकता होती है। प्रति पौधा लगभग 3.33 कॉर्म और लगभग 67.77 कॉर्म उत्पन्न होते हैं।
मुख्य विशेषताएं:
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पौधों की ऊंचाई लगभग 144.66 सेमी होती है।
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स्पाइक की लंबाई लगभग 124.66 सेमी होती है।
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यह मध्य अवधि की किस्म है, जो लगभग 105.48 दिनों में फूल देना शुरू कर देती है।
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मजबूत पौधे और आकर्षक फूल, जो बाजार में अच्छी कीमत दिलवा सकते हैं।
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