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Sunflower Farming in February: फरवरी में सूरजमुखी की बुवाई करने से मिलेगा अच्छा उत्पादन, पढ़िए संपूर्ण जानकारी

सूरजमुखी की फसल देखने में जितनी खूबसूरत होती है, उतने ही लाभकारी भी होती है. इसके फूलों और बीजों में कई औषधीय पाए जाते हैं, जो कि दिल और कैंसर जैसी गम्भीर बीमारियों से बचाव करने में सहायक होते हैं. ऐसे में सूरजमुखी की खेती (Farming Of Sunflower ) किसानों के लिए बहुत लाभदायक होती है, क्योंकि इससे निकलने वाला तेल खाने के लिए उपयोग किया जाता है.

स्वाति राव
Sunflower Cultivation
Sunflower Cultivation

सूरजमुखी की फसल देखने में जितनी खूबसूरत होती है, उतने ही लाभकारी भी होती है. इसके फूलों और बीजों में कई औषधीय पाए जाते हैं, जो कि दिल और कैंसर जैसी गम्भीर बीमारियों से बचाव करने में सहायक होते हैं. ऐसे में सूरजमुखी की खेती (Farming Of Sunflower ) किसानों के लिए बहुत लाभदायक होती है, क्योंकि इससे निकलने वाला तेल खाने  के लिए उपयोग किया जाता है.

वह हमारी सेहत के साथ-साथ आमदनी के लिए काफी मुनाफेदार साबित होता है. इस बात की जानकारी हरियाणा राज्य के पलवल के कृषि वैज्ञानिक डा. महावीर सिंह मलिक (Agricultural Scientist Dr. Mahavir Singh Malik) ने दी है.

उनका कहना है कि इसके लाभकारी गुण के चलते इसकी खेती किसानों के लिए बहुत लाभकारी है, इसलिए अगर सूरजमुखी की बुवाई किसानों को अधिक लाभ देगी.  

सूरजमुखी की बुवाई प्रक्रिया (Sowing Process Of Sunflower)

वैसे सूरजमुखी की बुवाई सभी मौसमों में की जा सकती है, लेकिन 15 फरवरी तक का समय इसकी बुवाई के लिए उपयुक्त माना गया है.

सूरजमुखी की उन्नत किस्में (Improved Varieties of Sunflower)

इसकी बुवाई के लिए अच्छी किस्मों का चयन जरुरी है, इसलिए एमएसएफ आठ केबी, 44 पीएससी 36, एच एसएसएच 848 आदि संकर किस्मों का चयन किया जा सकता है. यह किस्म 95 दिन में  पककर तैयार होती है. इसमें 40 प्रतिशत तेल निकलता है एवं  इससे 8 से 10 क्विंटल प्रति एकड़ का उत्पादन प्राप्त होता है. इसके अलावा पछेती बुवाई के लिए संजीन 85, प्रोसन नौ तथा एमएसएसएच 848 किस्मों अच्छी होती हैं. बता दें कि सूरजमुखी की पछेती बुवाई मार्च के पहले हफ्ते तक पूरी कर लेनी चाहिए. इसके अलावा सूरजमुखी की हरियाणा सूरजमुखी नंबर एक उन्नत किस्म है, जो खेती के लिए उत्तम मानी जाती है. इस किस्म के बीज की बुवाई करने के लिए बीज को चार से छह घंटे पानी में भिगोकर रखें. इसके बाद छाया में सुखाकर बुवाई करें.

सूरजमुखी की बुवाई करने का तरीका (How to sow sunflower)

संकर किस्मों का लाइन से लाइन 60 सेंटीमीटर तथा उन्नत किस्मों का लाइन से लाइन 45 सेंटीमीटर फासला रखना चाहिए. वहीं, पौधे से पौधे की दूरी 30 सेंटीमीटर गहराई चार से पांच सेंटीमीटर रखनी चाहिए.

खाद की मात्रा (Amount of Manure)

संकर किस्मों में 125 किलोग्राम सिगल सुपर फास्फेट तथा 45 किलोग्राम यूरिया बुवाई पर डालें. इसके बाद में उन्नत किस्म में 35 किलोग्राम यूरिया तथा संकर किस्मों में 45 किलोग्राम किलोग्राम यूरिया प्रति एकड़ डालना चाहिए.

सिंचाई (Irrigation)

इसके लिए फसल बुवाई के 30 से 35 दिन बाद पहली सिंचाई करें. इसके बाद 15 दिन के अन्तराल में सिंचाई  करनी चाहिए. इसकी आखिरी सिंचाई 75 दिन बाद करनी चाहिए.

कटाई (Harvesting)

जब फूल मुड़कर पीला पड़ जाए, तो फसल की कटाई कर लेनी चाहिए. बता दें कि फूलों को सुखाकर डंडे से या थ्रेसर से दाना अलग करना चाहिए. इस प्रकार 8 से 10 क्विंटल औसतन उपज प्रति एकड़ हो जाती है. ध्यान रहे कि दानों को 10 प्रतिशत नमी सुखाकर भंडारण करें या मंडी में ले जाएं.

English Summary: for better production of sunflower, sow it between January and February, agricultural scientist advised Published on: 28 January 2022, 05:23 PM IST

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