Fish-Rice Farming: देश के अधिकतर राज्यों में गेहूं की कटाई खत्म हो चुकी है और बरसात का मौसम भी शुरु हो गया है. जुलाई और अगस्त के महीने से देश में धान की बुवाई शुरू हो जाएगी. ऐसे में अगर किसान भाई धान की खेती के साथ-साथ मछली पालन भी करते हैं तो आपकी कमाई दोगुनी हो सकती है.
धान की खेती के साथ मछली पालन हमारे देश में वर्षों से होता आ रहा है. धान के खेतों में मछली का व्यवसाय करने से पौधों को सभी जरूरी पोषक तत्व मिल जाते हैं. वहीं इससे मछलियों को धान के खेतों में कीट खाने को मिल जाते हैं. मछली पालन से धान की फसलों में कीटनाशक के छिड़काव की जरूरत बिल्कुल भी नहीं पड़ती है. जो किसानों की लागत में भी कमी लाती है.
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आपको बता दें कि धान के खेत में मछली के पालन के लिए खेतों में पर्याप्त जल की व्यवस्था जरुर होनी चाहिए. धान की खेती के लिए काफी पानी की आवश्यकता होती है, ऐसे में अगर आप इसमें मछली का भी पालन करते हैं तो खेत में लगातार पानी की आवश्यकता बनी रहेगी. इसके साथ यह भी ध्यान रखें कि धान के साथ अच्छी किस्म की मछली का पालन करें, ताकि फसल को कोई भी नुकसान ना हो, अन्यथा कई मछलियां धान के पौधों को उखाड़ देती हैं और बीजों को खाकर फसल तबाह कर देती हैं. किसान भाई धान के खेत में कैटफ़िश, तिलापिया, कार्प और फिंगरलिंग्स का उत्पादन कर सकते हैं.
कमाई
धान की खेती के साथ मछली पालन के चलते भूमि की उत्पादकता तो बढ़ती ही है, इसके साथ ही किसानों की कमाई भी डबल हो जाती है. एक हेक्टेयर के खेत में धान के साथ मछली पालन करने में किसान को 60 से 70 हजार की कमाई आराम से हो जाती है.
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