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कोरोना संकट में ये महिलाएं तुलसी की खेती करके कमा रहीं अच्छा मुनाफा

कोरोनाकाल में जहां किसानों की फसल को अच्छे दाम नहीं मिल पाए वहीं सोयाबीन की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई. जिससे किसानों की आर्थिक हालत खस्ता हो गई. लेकिन मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं ने आपदा के दौर में तुलसी की खेती करके अच्छी कमाई की है. समूह से जुड़ी महिलाएं इस औषधीय खेती करके के कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा रही है.

श्याम दांगी
tulsi

कोरोनाकाल में जहां किसानों की फसल को अच्छे दाम नहीं मिल पाए वहीं सोयाबीन की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई. जिससे किसानों की आर्थिक हालत खस्ता हो गई. लेकिन मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं ने आपदा के दौर में तुलसी की खेती करके अच्छी कमाई की है. समूह से जुड़ी महिलाएं इस औषधीय खेती करके के कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा रही है.

38 हजार रुपये प्रति एकड़ की कमाई

यह महिलायें प्रति एकड़ से लगभग 38 हजार रूपये का मुनाफा ले रही हैं. महिलाओं ने तुलसी की खेती के महज 90 दिन में प्रति एकड़ 38 हजार 500 रुपये की कमाई की. वहीं अब ये महिलाएं एक और औषधि फसल अश्वगंधा बोने की तैयारी कर रही हैं. जिससे महिलाओं को एक एकड़ से 50 हजार रुपये तक मुनाफा होने के आसार है. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के संचालक दिनेश बर्फा का कहना है कि समूह की महिलाओं आपदा को अवसर में तब्दील करके कमाई के अच्छे मौके ईजाद किये हैं. जहां जिले के अन्य किसानों ने सोयाबीन की फसल उगाई वहीं इन महिलाओं ने तुलसी की खेती की. वहीं अब ये अश्वगंधा की उन्नत खेती की तैयारी कर रही हैं. 

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पहले प्रशिक्षण लिया

समूह से जुड़ी इन महिलाओं ने तुलसी की खेती करने से पहले आईटीसी चौपाल सागर से इसका विधिवत प्रशिक्षण लिया. महिलाओं ने औषधीय पौधों की खेती कैसे करें, इससे अच्छी उपज कैसे लें और बाजार में कहां बेचे जैसे विषयों प्रशिक्षण में लिया. इसके चलते महिलाओं को उन जगहों का भ्रमण कराया गया जहां पहले तुलसी की खेती हो रही है. जहां से महिलाओ ने तुलसी की खेती करने तौर तरीके जाने. बता दें कि पहले महिलाओं के इस तरह के समूह टूट जाया करते थे लेकिन अब एकजुट अपनी आजीविका चला रही है. 

अनीता बाई बनी मिसाल

जिले के इछावर के रहने वाली समूह की दीदी अनीता बाई ने 2 एकड़ खेत में तुलसी की खेती की है. यह फसल 90 दिन की अवधि की होती है. वहीं सूखा सहन करने में सक्षम होती है. एक एकड़ से तुलसी की 350 किलोग्राम की उपज प्राप्त होती है. जिसमें लागत लगभग 10 हजार तक होती है. वहीं तुलसी का बाजार मूल्य लगभग 110 रुपये प्रति किलोग्राम है. इस तरह एक एकड़ से 38500 रुपये की कमाई होती है. वहीं अश्वगंधा का बाजार मूल्य 200 रुपये किलो है. जिससे प्रति एकड़ 50 हजार रुपये तक का मुनाफा होता है.

English Summary: first bumper income from tulsi now you will earn 50 thousand per acre in ashwagandha Published on: 23 October 2020, 01:39 PM IST

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