आधुनिक समय में कृषि क्षेत्र लगातार तरक्की कर रहा है. हमारे देश के कृषि वैज्ञानिक, कृषि विश्वविद्यालय समेत कई विशेषज्ञ लगातार प्रयास में लगे रहते हैं, जिससे किसानों को खेती से अधिक-अधिक मुनाफ़ा मिल सके. इसी कड़ी में बिहार के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है.
दरअसल, बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएचयू) एक अहम प्रयास में जुटा हुआ है. बीएयू सबौर और वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर एक हाईटेक एप्लिकेशन को विकसित करने जा रहा है. माना जा रहा है कि यह हाईटेक एप्लिकेशन किसानों की खेतीबाड़ी को और भी आसान बना देगा. इस तरह किसानों को खेती से ज्यादा मुनाफ़ा मिल पाएगा, तो आइए आपको बताते हैं कि आखिर हाईटेक एप्लिकेशन क्या है.
क्या है हाईटेक एप्लिकेशन (What is Hitech App?)
सबसे पहले आपको बता दें कि हमारे देश में पहली बार किसानों के लिए खासतौर पर हाईटेक एप्लिकेशन विकसित किया जा रहा है. इस एप्लिकेशन के जरिए किसानों की फसल संबंधी समस्याओं का समाधान निकाला जाएगा. खास बात है कि एप्लिकेशन से कई कृषि विशेषज्ञों को जुड़ा जाएगा जो किसानों की फसलों को ऑनलाइन देखा करेंगे. इसके बाद किसानों को सूचित किया जाएगा कि आने वाले समय में वह अपने खेत में कौन-सी फसल लगाएं. ध्यान दें कि यह हाईटेक एप्लिकेशन अगले साल तक लॉन्च हो जाएगा. फिलहाल इस हाईटेक एप्लिकेशन पर काम चल रहा है. बता दें कि इस विशेष हाईटेक एप्लिकेशन पर श्रीलंका, वियतनाम सेमत कई और देश भी काम कर रहे हैं.
क्या करेगा हाईटेक एप्लिकेशन (What will the Hitech app do?)
इस हाईटेक एप को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी की मदद से डिजिटल पीओपी सानी पैकेज ऑफ प्रायक्टिस के तहत तैयार किया जा रहा है. इस एप्लिकेशन को किसान अपने मोबाइल से चला सकेंगे. यह किसानों को बताएगा कि उन्हें खेतों में खड़ी फसलों में कितना पानी देना है, फसलों में कितनी उर्वरक डालनी है. इसके अलावा खेत में फसल कौन-सी लगाएं, मिट्टी में किन तत्वों की आवश्यकता है, कीटों का प्रकोप, उनकी रोकथाम, इसके साथ ही मौसम से जुड़ी सारी जानकारी मिलेगी. इतना ही नहीं, यह हाईटेक एप्लिकेशन किसानों को बाजार से संबंधित जानकारी भी देगा.
कई जिलों में होगी शुरुआत
आपको बता दें कि इस हाईटेक एप्लिकेशन को बिहार के भागलपुर, पूर्वी बिहार, कोसी, सीमांचल समेत पूरे 20 जिलों में लॉन्च किया जाएगा. इन सभी जिलों के किसानों को इस एप्लिकेशन से जोड़ा जाएगा. इसके बाद कृषि विशेषज्ञ सभी जिलों के किसानों की फसलों को देखेंगे और उन्हें उचित जानकारी देंगे.
परियोजना की मिल चुकी है मंजूरी
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत इस परियोजना को संचालित किया जा रहा है. इसमें मुख्य विशेष फसल, कीट प्रबंधन, रोग की रोकथाम, मानव रहित हवाई वाहन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करते हुए प्रबंधन पर काम शुरू हो गया है. बता दें कि इस शोध के लिए करीब 1 करोड़ 23 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की है. इस प्रोजेक्ट में सरकार अपना पूरा सहोग दे रही है. इस पर काम शुरू हो चुका है.
किसानों को मिलेगा लाभ (Farmers will get benefits)
कृषि विश्वविद्यालय और सरकार का उद्देश्य है कि इस नई तकनीक द्वारा किसानी में क्रांति आए, साथ ही किसानों की फसलों का उत्पादन बढ़ सके. इस एप्लिकेशन के आने से किसानों को काफी बड़ी राहत मिल जाएगी. वह अपनी फसलों को नुकसान से बचा पाएंगे. इसके अलावा उनकी फसलों का उत्पादन बढ़ पाएगा, उन्हें बाजारमूल्य की जानकारी मिल पायेगी . वैसे आज के दौर में कृषि से जुड़ें कई एप्लिकेशन हैं, जो किसानों को जलवायु, तापमान, मिट्टी, सिंचाई, मौसम, उर्वरक समेत कई अन्य जानकारियां उपलब्ध कराते हैं. फिलहाल यह हाईटेक एप्लिकेशन एक अलग माध्यम से किसानों की मदद करेगा.
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