चंदन की महक ने किसानों को आर्थिक रूप से मजूत बनाने का कार्य किया है. दरअसल मध्य प्रदेश के खरगोन में पथरीली जगह पर लगे चंदन के पौधों ने विशाल पेड़ का रूप ले लिया है. जैसे- जैसे इन पेड़ों का आकार बड़ा होता गया वैसे-वैसे इनकी कीमत में इजाफा होता गया. अब इन चंदन के पेड़ की कीमत एक लाख रूपये तक हो गई है. जिलें के 5 किसानों ने चंदन के पेड़ की खेती की जो शुरूआत की वह पूरी तरह से सफल रही है. किसानों का कहना है कि अब 20 साल में एक पेड़ 15 लाख रूपए तक का हो जाएगा. चंदन की सही तरह से खेती होने से किसानों को कई तरह के बहुतायत लाभ भी प्राप्त हो रहे हैं.
ऐसे की चंदन की खेती
दरअसल ग्राम डोंगरगांव के किसान नंदकिशोर शर्मा ने हल्की जमीन की पांच एकड़ भूमि में 2009 से 2000 चंदन के पौधे को लगाने का कार्य शुरू किया था. उस वक्त खेत में ठीक तरीके से सिंचाई की व्यवस्था न हो पाने के कारण तब तक केवल 500 पेड़ ही बच पाए थे. आज यह पौधे 10 से 15 फीट की लंबाई के हो गए हैं. जिस समय ये पौधे लगाए गए थे तब इन पर दो लाख रूपए का खर्च आया था.
ये है पेड़ की खासियत
चंदन के पेड़ की खास बात यह है कि चंदन के पेड़ के तने के अंदर बीच की जड़ों में 3 से 4 प्रतिशत सुंगधित तेल होता है. यह मार्केट में 90 हजार रूपये से लेकर एक लाख रूपये तक में बिक जाता है. 15 साल के पेड़ में औसत 60 किलों लकड़ी और डेढ़ से दो लीटर तेल पर्याप्त मात्रा में मिल जाता है. चंदन की लकड़ी को गुजरात में 1200 रूपये किलो में खरीदा जाता है जबकि इसकी छाल का इस्तेमाल सुंगधित अगरबत्ती को बनाने में उपयोग किया जाता है. इसे भी 50 रूपये किलो खरीदते हैं और इसकी जड़े भी बाज़ार में खरीदी जाती है.
किशन अग्रवाल, कृषि जागरण
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