Winter Vegetables: सर्दी के मौसम में गर्म खाने का मजा ही कुछ और है. इस सीजन में कई सब्जियां बाजार में आती हैं. जोकि एकदम फ्रेश और खाने में स्वादिष्ट होती हैं. इन सब्जियों में मटर, पालक, बथुआ आदि शामिल हैं. हालांकि, सर्दियों का मौसम किसानों के लिए भी काफी फायदेमंद होता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि इस मौसम में कई तरह की सब्जियां उगाई जाती हैं और किसान भी इन सब्जियां से मोटा मुनाफा कमा सकते हैं. ऐसे में अगर आप भी खेती करते हैं या सर्दियों में सब्जियां उगाने पर विचार कर रहे हैं, तो ये खबर आप ही के लिए है. इस खबर में हम आपको कुछ ऐसी सब्जियों के बारे में बताएंगे, जिन्हें उगाकर आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
इन सब्जियों की खास बात ये है की ये तेजी से उगती हैं और इन पर लागत भी कम आती है. बता दें कि सबसे तेजी से उगने वाली सब्जियां अंकुरण के बाद केवल 3 से लेकर 8 सप्ताह के अंदर ही तैयार हो जाती हैं. इन सब्जियों को उगाना आसान होता है. ये सब्जियां घर के गार्डन या गमले में भी उगाई जा सकती हैं. साथ ही किसान इन्हें उगाकर बढ़िया मुनाफा भी प्राप्त कर सकते हैं, आइए आपको इन सब्जियों के बारे में बताते हैं.
पालक
पालक एक ऐसी सब्जी है जो बेहद कम समय में तैयार हो जाती है. पालक की फसल 3 से 4 सप्ताह के भीतर तैयार हो जाती है. पालक एक पौष्टिक सब्जी है जो आयरन, विटामिन ए और सी का अच्छा स्रोत भी है. इसकी खेती देश के करीब-करीब सभी राज्यों में की जाती है. बाजार में इसकी डिमांड भी काफी हाई रहती है.
धनिया
धनिया भी 3 से लेकर 4 सप्ताह के अंदर तैयार हो जाता है. धनिए को आप गमले में भी उगा सकते हैं. धनिया की बुवाई के लिए फरवरी से मार्च का महीना सबसे अच्छा होता है. इसकी बुवाई के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है.इसकी फसल को नियमित तौर पर पानी देना जरूरी है.
मूली
3 से लेकर 4 हफ्ते के अंदर तैयार होने वाली सब्जियों में मूली का नाम भी शामिल है. मूली का इस्तेमाल सलाद के रूप में भारत के घर-घर में होता. होटलों पर भी इसकी बड़ी मात्रा में सप्लाई होती है. इसे लगाने में लागत कम आती है.
मेथी
मेथी की फसल 4-5 सप्ताह के अंदर तैयार हो जाती है. सर्दियों के दिनों में इसे बेहद पसंद किया जाता है. मेथी विटामिन ए, सी, और के का अच्छा स्रोत है. इसका इस्तेमाल सब्जी, साग, और मसाले के रूप में होता है. मेथी की खेती के लिए खेत की अच्छी तरह से तैयारी करें. खेत को 2-3 बार गहरी जुताई करें. आखिरी जुताई के समय प्रति हेक्टेयर 15-20 टन गोबर की खाद या कम्पोस्ट मिला लें.
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